Globaltoday.in|मोहम्मद तहसीन फ़ैय्याज़ | रामपुर
26 जनवरी को किसान आंदोलन के दौरान ट्रैक्टर परेड में मृतक नवरीत सिंह के अंतिम अरदास में शरीक होने पहुंची कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने अरदास के बाद अपने विचार व्यक्त किये
उन्होंने कहा,”यहां हम शहीद नवरीत की याद में आए हैं। मुझे अपने अनुभव से मालूम है कि यह शहीद है और उनकी शहादत को कभी भूला नहीं सकते, हमेशा के लिए। और उस शहादत से दिल में एक बात आती है… अपने प्यारे की शहादत व्यर्थ ना हो यही सब की तमन्ना है नवरीत 25 साल के थे मेरा बेटा 20 साल का है आपके भी नौजवान बेटे होंगे। लेकिन उनके साथ ऐसा हादसा हुआ कि वह वापस नहीं आए… क्यों गए थे वहां कोई राजनैतिक साजिश नहीं थी वह इसलिए गए थे उनके दिल में दुख था एक पीड़ा थी उन्हें मालूम था कि एक जुल्म हो रहा है… उन्हें मालूम था कि केवल जुल्म करना पाप है और जुल्म सहना उस से भी बड़ा पाप है…एक नौजवान बच्चा दिल्ली से इतना दूर डिब्डिबा से आंदोलन में शामिल होने पहुंचे थे, यह उम्मीद रखते हुए कि सभी ईखट्टा होंगे तो सरकार उनकी बात सुनेगी और उनकी सुनवाई करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ,हां।
प्रियंका गाँधी ने कहा,”यह तीन कानून हैं,जो बहुत बड़ा जुल्म हो रहा है किसानों के साथ। लेकिन इससे भी बड़ा जुल्म यह है कि जब यह शहीदों को आतंकवादी कहते हैं। इस आंदोलन को एक राजनीतिक साजिश की शक्ल में देखते हैं, यह बहुत बड़ा जुल्म है क्योंकि देश के किसान का दर्द अगर कोई सरकार नहीं देख सकते हैं।
नेता तो ऐसा हो जो यह कहे कि तुम्हारा दर्द मेरा दर्द है…आओ मैं तुम्हारी बात सुन लूंगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ… यह मौका नहीं है राजनैतिक बात करने का। मैं यहां यह कहने आई…मैं परिवार के दुख में शरीक हूं और इस शहादत को व्यर्थ नहीं जाने देंगे।
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