Globaltoday.in| रईस अहमद | रामपुर
कोरोना (Corona) ने हमारी ज़िंदगी को ही बदल डाला है। जहाँ कभी शहनाइयां गुंजा करती थीं आज वहां मुर्ग़ियां पाली जा रही हैं।
कारोबार चौपट हुए तो लोगों ने काम करने का तरीका भी बदल दिया। मैरिज हॉल अब मुर्गी फार्म में तब्दील होने लगे।
कोरोना वायरस (Covid-19) ने दुनिया को बदला तो लोगो ने अपने कारोबार और काम करने का तरीका भी बदल दिया। कभी जिन मैरिज हॉल में शहनाइयां गूंजती थीं और पार्टियां हुआ करती थीं आज उन मैरिज हॉल में मुर्गी फार्म का काम शुरू हो गया।
रामपुर के कोतवाली टाण्डा थाना क्षेत्र के लालपुर के पास बने वरीशा मैरिज हॉल में जहां शादियां हुआ करती थीं, नए रिश्ते बनते थे, दो अनजान व्यक्ति एक होते थे और अपनी जिंदगी की शुरुआत एक साथ करते थे, आज उन मैरिज हालों में इंसानों की आवाज़ें नहीं बल्कि मुर्गियों की किलकारियां गूँज रही हैं।
उसकी वजह है कोरोना महामारी जिसकी वजह से शादियां बंद है और मैरिज हॉल वाले अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए उसमें मुर्गी पालने को मजबूर हैं।
होटल के मालिक आसिम ने अपनी पीड़ा मीडिया के सामने बयान करते हुए कहा,” हमने यह मैरिज हॉल बनाया था, यहां शादियां होती थीं, शहनाइयां बजती थीं , दूल्हा-दुल्हन बैठते थे और लोग खाना खाते थे। हमारे देश में कोरोना वायरस आया तो इसको ग्रहण लगता गया। हल्के हल्के सब खत्म होता गया। उसके बाद हालात इतने खराब हो गए कि हमें मजबूरी में यह मुर्गी पालन का कारोबार करना पड़ा और बैंक से लोन लेना पड़ा। बैंक से नोटिस आ गया और इसमें भी हमें नुकसान हो गया। मेरी पढ़ाई छूट ती चली गई और यह साल पढ़ाई का भी मेरा चला गया। इसमें चार-पांच लड़के काम करने वाले लगे रहते हैं, इसमें भी नुकसान होता चला गया।
असीम का कहना है कि अगर सरकार उनको परमिशन देती है तो वो सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखेंगे। उसने उम्मीद जताई कि अगर सरकार इजाज़त दे तो हम मुर्गी के बच्चों को बेचकर दोबारा से मैरिज हॉल चालू कर सकेंगे।
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