मोहित यादव की संविदा समाप्त होने के बाद से ही वो काफी परेशान चल रहा था, नौकरी जाने के बाद वो अपने घर वापस मैनपुरी चले गए। मोहित ने तीन जून की रात दो यात्रियों को नमाज अदा करने के लिए बस रुकवाई थी।
बरेली: बरेली (Bareilly) में सरकारी बस रोककर नमाज पढ़वाने के मामले में बर्खास्त कंडक्टर मोहित यादव (Mohit Yadav) ने अपने गृह जनपद मैनपुरी (Mainpuri) में ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी है। मोहित यादव पर आरोप था कि उन्होंने 3 जून की रात को दो यात्रियों को नमाज़ अदा करवाने के लिए बस रुकवा दी थी, जिसके बाद किसी यात्री ने इस घटना का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया।
वीडियो सामने आने के बाद मोहित की संविदा समाप्त कर दी गई थी, जिसके बाद से ही वो काफी परेशान चल रहा था।
नौकरी जाने के बाद मोहित अपने घर वापस मैनपुरी चला गया था। लेकिन तभी से वो काफी परेशान रहने लगा था।
बीते सोमवार को मोहित ने मैनपुरी में ही रेल के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली।
इस घटना के बाद से बरेली रोडवेज कर्मचारियों में काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है। नाराज़ कर्मचारियों ने वर्कशॉप में काम करना बंद कर दिया।
क्या था पूरा मामला जानिए ?
दरअसल एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें बस के ड्राइवर के नमाज़ के लिए बस रोकने पर कुछ लोग आपत्ति कर रहे हैं कि उसने नमाज़ पढ़वाने के लिए सरकारी बस क्यों रोकी? जिसपर ड्राइवर कह रहा है कि सवारियों ने बरेली में ही बोल दिया था कि 2 मिनट के लिए वो रास्ते में नमाज़ पढ़ेंगे। वीडियो में बस ड्राइवर हिन्दू-मुस्लिम सौहार्द की बात करते हुए कह रहा है कि हम भो पूजा करते हैं…अगर वो नमाज़ पढ़ रहे हैं तो आपको क्या दिक़्क़त है…हम भी हिन्दू आदमी हैं…इसमें हिन्दू-मुस्लिम वाली बात थोड़ी है…” यह मामला शनिवार (3 जून 2023) का बताया जा रहा है।
- एक दूसरे के रहन-सहन, रीति-रिवाज, जीवन शैली और भाषा को जानना आवश्यक है: गंगा सहाय मीना
- Understanding Each Other’s Lifestyle, Customs, and Language is Essential: Ganga Sahay Meena
- आम आदमी पार्टी ने स्वार विधानसभा में चलाया सदस्यता अभियान
- UP Bye-Elections 2024: नेता प्रतिपक्ष पहुंचे रामपुर, उपचुनाव को लेकर सरकारी मशीनरी पर लगाए गंभीर आरोप
- लोकतंत्र पर मंडराता खतरा: मतदाताओं की जिम्मेदारी और बढ़ती राजनीतिक अपराधीकरण- इरफान जामियावाला(राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पसमंदा मुस्लिम महाज़)
- एएमयू संस्थापक सर सैय्यद अहमद खान को भारत रत्न देने की मांग उठी