नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद संजय सिंह तिहाड़ जेल से 181 दिन बाद बाहर आ गए और सबसे पहले पार्टी मुख्यालय पहुंचे। करीब 6 महीने बाद जेल से बाहर आए संजय सिंह ने आप कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया।
जेल के बाहर एकत्रित ‘आप’ के समर्थकों ने “देखो देखो कौन आया, शेर आया, शेर आया” और “संजय सिंह जिंदाबाद” के नारे लगाए। ‘आप’ कार्यकर्ताओं की नारेबाजी के बीच राज्यसभा सदस्य को फूलमाला पहनाई गई।
जनपद रामपुर से आप पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता फैसल ख़ान लाला भी अपने सहयोगियों के साथ संजय सिंह को लेने के लिए तिहार जेल पहुंचे थे।
दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज और आप के विधायक दुर्गेश पाठक जेल के बाहर मौजूद थे। सिंह की रिहाई के मद्देनजर जेल के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात थे।
उन्होंने कहा, “यह संघर्ष का समय है। अरविंद केजरीवाल जिंदाबाद। जेल में बंद हमारे नेता भी जल्द बाहर आएंगे। यह जश्न मनाने का नहीं बल्कि संघर्ष का समय है। जेल के ताले टूटेंगे, हमारे सारे नेता छूटेंगे।”
तिहाड़ जेल से रिहाई के बाद सिंह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता से मिलने के लिए उनके आवास रवाना हो गए।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यह देखने के बाद उन्हें जमानत दे दी कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को उनकी जमानत पर रिहाई पर कोई आपत्ति नहीं है। इसमें यह भी कहा गया है कि उन्हें ट्रायल कोर्ट द्वारा तय किए गए नियमों और शर्तों पर रिहा किया जाएगा, जिससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि वह लंबित मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई सार्वजनिक टिप्पणी या भाषण नहीं देंगे।
विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने सिंह को अपना पासपोर्ट जमा करने, बिना अनुमति के देश नहीं छोड़ने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित करने का कोई प्रयास नहीं करने का भी निर्देश दिया था। इसके अलावा, उन्हें 2 लाख रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही जमानती राशि भरने का आदेश दिया गया है।
उनसे अपना मोबाइल नंबर एजेंसी के साथ साझा करने और जरूरत पड़ने पर जांच में शामिल होने के लिए भी कहा गया है।
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