Globaltoday.in | रईस अहमद | रामपुर
रामपुर की तहसील टांडा में अचानक काफी तादाद मेंकव्वों की मौत से इलाके में हड़कंप मचा है। गांव में काफी तादाद में जंगल और खेतों में काफी कव्वों मरे हुए देख कर गांव वालों के होश उड़ गए। उन्होंने तुरंत इसकी सूचना आला अधिकारियों को दी तो आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने कव्वों का निरीक्षण किया और कौवो को दफन कर दिया। उसके बाद उन्होंने गांव के लोगों से सतर्क रहने की अपील की। वहीं गाँव की मस्जिद से भी ऐलान किया गया कि कहीं भी कोई कव्वा मरा हुआ पड़ा हो तो उसे न छूए। इसकी सूचना वन विभाग या पशु चिकित्सा विभाग को दें।
जनपद रामपुर की तहसील टांडा के मोहनपुरा गांव में खेतों में और जंगलों में काफी तादाद में मरे हुए कौवे लोगों ने देखे। इतनी तादाद में मरे हुए कव्वे देखकर लोगों के होश फाख्ता हो गए और उन्होंने इसकी सूचना वन विभाग को दी।
वन विभाग के अधिकारी तुरंत गांव की ओर दौड़े और साथ में पशु चिकित्सा अधिकारी को भी साथ लेकर गए।
पशु चिकित्सा अधिकारी ने सभी कौवो की जांच पड़ताल की उसके बाद उनको अपने कब्जे में लेकर आगे की कार्यवाही की और उन सभी कौवो को दफन कर दिया।
गांव के स्थानीय निवासी ने बताया,”सुबह उठे तो देखा जगह जगह मरे हुए कौवे पड़े थे। जिसके कारण से गांव में दहशत का माहौल है। हम ने मीडिया से संपर्क किया और मीडिया ने वन विभाग से संपर्क किया। वे लोग आए और 40 से 45 कौवे इकट्ठे कर कर लेकर गए। गांव में और जंगल में जगह-जगह मरे हुए कौवे हैं और यह 2 दिन में अचानक से इतनी मौतें हुई हैं।”
वहीं इस मामले पर जिला फॉरेस्ट अधिकारी राजीव कुमार से हमने बात की तो उन्होंने बताया,” टांडा के मोहनपुरा गांव में कौवो के मरे होने की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही मैंने स्टाफ को भेजा। तत्काल सीवीओ साहब को भी सूचना दी और मैंने उनसे कहा तुरंत ही वहां पर वेटेनरी ऑफिसर भेजें, तत्काल मौके की जांच करें। वेटेनरी डॉक्टर ने कौवो का निरीक्षण किया। मेरी सीवीओ साहब से बात हुई तो उन्होंने कौवों की मौत का कारण प्राकृतिक बताया और कुछ बाज़ के हमलों से बताया। इसमें आगे कार्रवाई चल रही है।”
इस मामले पर हमने जब पशु चिकित्सक डॉक्टर कुलदीप सिंह से बात की तो उन्होंने,”बताया इस समय में मौसम का बदलाव होता है, यह नॉर्मल डेथ होती है इसमें घबराने की कोई जरूरत नहीं होती है। हम लोग पैनिक हो जाते हैं लेकिन पैनिक होना लाज़मी में है क्यूंकि बर्ड फ्लू का ईशु है। इस संबंध में ऐसा कुछ नहीं है। एक-एक, दो-दो कौवो की डेथ हुई और वे एक जगह इकट्ठे होते रहे। कुछ कौवो की डेथ इंजरी से हुई है जैसे उनके परो में तार फंसे हुए थे, कुछ कौवो कि ऊपर से गिरकर डेथ हुई है। हर कौवे की जाँच की गई परीक्षण किया गया उसके बाद ही उन्हें दफन किया गया। किसी भी कौवे में कोई लक्षण नहीं मिला है। किसी की पेड़ से गिरने के बाद मौत हुई किसी के पर में चोट पाई गई है।
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