जौनपुर, 4 जनवरी : उत्तर प्रदेश के जौनपुर में अटाला मस्जिद को खाली कराने के मामले में जिला जज के कोर्ट में शनिवार को सुनवाई हुई। इस सुनवाई में हिंदू पक्ष ने मुस्लिम पक्ष की ओर से इस मामले की विश्वसनीयता को चैलेंज करने वाली याचिका पर आपत्ति दर्ज कराई। जिला जज इस मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को करेंगे।
स्वराज वाहिनी एसोसिएशन ने किया था वाद दाखिल
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता राम सिंह ने इस मामले में आईएएनएस को तफ्सील से बताया। अधिवक्ता राम सिंह ने कहा, “अटाला मस्जिद को मुगल आक्रांताओं ने अपने कब्जे में कर लिया था। उसको खाली करने के लिए स्वराज वाहिनी एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष कुमार मिश्रा ने शहर की अदालत में एक वाद दाखिल किया था। इसमें कानूनी तौर पर मुस्लिम पक्ष की ओर से इस बात की विश्वसनीयता को चैलेंज किया गया था।
इसके बाद मुस्लिम पक्ष की इस एप्लीकेशन सिविल जज जूनियर डिवीजन के यहां से 22 अक्टूबर को खारिज कर दी गई थी। इसी को लेकर मुस्लिम पक्ष, जो कि वक्फ बोर्ड है, उसकी तरफ से जिला जज के यहां एक निगरानी याचिका दाखिल की गई है।” उन्होंने कहा, “उसमें सुनवाई और आपत्ति के लिए शनिवार को तारीख थी। हमारी तरफ के निगरानी के संबंध में अपनी आपत्ति दर्ज करा दी गई है। हमने लिखित आपत्ति जिला जज के यहां संबंधित पत्रावली में दर्ज करा दी है। इस आपत्ति की कॉपी भी मुस्लिम पक्ष द्वारा रिसीव कर ली गई है। अब मामले की सुनवाई 18 फरवरी को जिला जज के यहां होगी। 18 फरवरी को दोनों पक्ष अपनी-अपनी दलीलें जिला जज के समक्ष रखेंगे।”
बता दें कि अटाला मस्जिद को खाली करने के लिए स्वराज वाहिनी एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष कुमार मिश्रा ने शहर की अदालत में एक वाद दाखिल किया था। इसके बाद मुस्लिम पक्ष की ओर से इस केस की विश्वसनीयता को चैलेंज किया गया था। मुस्लिम पक्ष की इस एप्लीकेशन को सिविल जज जूनियर डिवीजन ने 22 अक्टूबर को खारिज कर दिया। इस पर मुस्लिम पक्ष( वक्फ बोर्ड) ने जिला जज के यहां एक निगरानी याचिका दाखिल की थी। स्रोत–आईएएनएस पीएसएम/सीबीटी