रामपुर नवाब का बेशक़ीमती सिंहासन ग़ायब

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Globaltoday.in| रईस अहमद | रामपुर

हिन्दुस्तान की रियासत रामपुर के आखिरी नवाब रजा अली खान की संपत्ति के बंटवारे का मुकदमा वर्षों से अदालत में लंबित था जिसमें दशकों बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए उनकी संपत्ति के मूल्यांकन का आदेश दिया है।

नवाब रामपुर की चल-अचल संपत्ति के मूल्यांकन के लिए जिला जज रामपुर द्वारा कमेटियां गठित की गई हैं और अब उनकी चल-अचल संपत्ति का मूल्यांकन किया जा रहा है।

इसी दौरान यह मालूम चला कि नवाब रामपुर का सिंहासन जिसमें बेशकीमत हीरे-जवाहरात जड़े हुए थे वह गायब है।

मूल्यांकन पांच करोड़ रु आंका गया है

इस मुकदमे के पक्षकार और नवाब रजा अली खान के पुत्र नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां ने नवाब रामपुर के सिंहासन के गायब होने का मुद्दा उठाते हुए कहा है,” इसकी कीमत उन पक्षकारों से वसूली जाएगी जिनके कब्जे में नवाब का महल खास बाग पैलेस था। इसकी तस्वीरों और प्राप्त सूचनाओं के आधार पर इसका मूल्यांकन पांच करोड़ रु आंका गया है। 

रामपुर के नवाबों के अनसुने क़िस्से

संपत्ति के वैल्यूएशन से नाख़ुश नवाब खानदान करेगा कोर्ट में अपील

इस संबंध में नवाब काजिम अली खान उर्फ नावेद मियां ने बताया,” ऐसा था कि दो थ्रोंस(सिंघासन) होते थे, एक हामिद मंजिल में दरबार हॉल में रहता था जहां दरबार बैठा करता तो नवाब उस पर बैठते थे और एक जो थ्रोन था जो हामिद मंजिल में रहता था वह चांदी का सिंहासन था और एक रहता था रंग महल में जो शीशे का था जिसे क्रिस्टल थ्रोन कहते थे।

आखिर खुल ही गया नवाब रामपुर का स्ट्रांग रूम, जैसे ही खुला

जब 1949 मर्जर हुआ तो दोनों थ्रोन खासबाग लाए गए एक थ्रोन को दरबार हॉल में रखा जो चांदी का था जो खास बाग में दरबार हॉल है वहां रखा गया था और जो क्रिस्टल थ्रोन है उसे ब्लू रूम में रखा गया था ब्लू रूम वह कमरा था जहां ज्यादातर शीशे का और चांदी का फर्नीचर रहता था तो थ्रोन जो था उसके साथ एक फुल स्टूल विद था जो क्रिस्टल का था और दो क्रिस्टल की बड़ी-बड़ी कुर्सियां थी यह चार का सेट था जो साथ ही रहता था तो 1949 में वह दोनों यहां लाए गए फिर नवाब रजा अली खान के इंतकाल के बाद सन 1982 तक यह दोनों खास बाग में मौजूद थे जो चांदी का थ्रोन था और क्रिस्टल का मौजूद था फिर क्रिस्टल का थ्रोन ब्लू रूम से लाकर दरबार हॉल में रख दिया खास बाग के और चांदी का थ्रोन गायब या तो उसको यह सारी चीजें 1982 के बाद हुई मुर्तजा अली खान के इंतकाल के बाद उसके बाद आफताब जमानी बेगम और उनके दोनों बच्चे थे जिन की निगरानी में यह सारा था उसी टाइम चांदी का थ्रोन गायब हो गया बेच दिया गया या बेटी के घर में गया या बेटे के घर में गया गोवा में या बेटी का घर मुझे नहीं मालूम कहां है या बेच दिया गया लेकिन उसकी जगह क्रिस्टल का थ्रोन लाकर दरबार हॉल में रख दिया। 1992 में वह भी गायब हो गया इसके मायने 10 साल के दरमियान वह सारी चीजें गायब कर दी गई या तो उनकी बेटी के घर में दिल्ली में या बेटे के घर में गोवा में या फिर वह भेज दिए गए क्योंकि वहां मौजूद नहीं है और अगर बेचे नहीं है तो वो उनको पेश करें कहां पर रखे हैं क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट में जो लिस्ट सबमिट हुई है यह सारी चीजें उस लिस्ट में है इसकी वैल्यूएशन 5 करोड़ की गई है लेकिन मुझे लगता है वह भी कम है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि अगर एक पिन भी है जो लिस्ट में है उसकी कीमत भी इन भाई-बहन के शेयर में से डिडक्ट की जाएगी अगर वह मौजूद नहीं है तो मुर्तजा अली खान की बेटी का घर है दिल्ली में बेटे का घर है गोवा में या तो खास बाग का सामान वहां खाली कर के ले गए लेकिन जो चीजें लिस्ट में है वह उन्हें दिखानी पड़ेगी और अगर नहीं दिखाएंगे तो उसकी वैल्यू उनके शेयर में से डिडक्ट की जाएगी।

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उन्होंने बताया कि अगर कोई चीज गायब होती है तो यह इनलीगल क्योंकि यह एक सबजूडिस मैटर है इनकी यह गलतफहमी थी मां और दोनों बच्चों की गलतफहमी थी के हम तो यह मुकदमा जीत ही जाएंगे तो अभी इसको गायब करो बेचो अपने घर में लगाओ किसी को दे दो बर्बाद कर दो जनाना इमामबाड़ा जो बिल्कुल बराबर में है वह भी इसी तरह बर्बाद हुआ इनकी रामपुर में कोई भी प्रॉपर्टी हर प्रॉपर्टी बर्बाद है सिंहासन नवाबों की गद्दी थी। जो दरबार हॉल हैं हामिद मंजिल का जहां आज उनकी तस्वीरें नवाब रजा अली खान भी हैं उसके नीचे ही तो यह थ्रोन रहता था और नीचे दरबार होता था औरतों का जो जनाना है वह ऊपर था नीचे दरबार होता था और जब किला 1949 में सरकार को हैंड ओवर किया गया भारत सरकार को हैंड ओवर किया तो जितना वैल्युएबल समान फर्नीचर कारपेट कैंडल स्टेच्यू पेंटिंग बर्तन जितना यह सब सामान खास बाग लाया गया और वहां रखा गया खास बाग तो ऑलरेडी फर्निश्ड था उसके अलावा जो किले का सामान आया वह भी वहां रखा गया सब गायब और बर्बाद उल्टा हुआ है। उनके गायब होने पर उन्होंने कहा यह सिर्फ हमारी फैमिली का हिस्सा नहीं है बल्कि यह तो नेशनल ट्रेजर है मतलब इस मुल्क का इतिहास है कोई भी रियासत हो फरीदकोट पटियाला हो ग्वालियर हो कोई भी रियासत हो यह नेशनल हेरिटेज ही तो है जो राजपरिवार थे उनकी अपनी पहचान भी थी लेकिन साथ साथ राष्ट्रीय हेरिटेज था ट्रेजर था राष्ट्रीय खजाना था यह वो बर्बाद हो गया। अब अगर ऐसे में जो भी उसकी वैल्यूएशन होगी अगर वह पेश नहीं करते हैं तो कोर्ट उनके शेयर में से वे वैल्यू डिडक्ट करेगी। इस संबंध में आगे बताते हुए उन्होंने कहा वकीलों से बात करनी पड़ेगी फिलहाल डिस्ट्रिक्ट जज माननीय सुप्रीम कोर्ट के जो जजमेंट है उसको उन्हें एक्जिक्यूट करना है उसके बाद आगे की कार्रवाई देखेंगे क्या होगी।

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