मुजफ्फरनगर दंगे में पूर्व मंत्री संजीव बालियान और भाजपा विधायक सुरेश राणा पर आरोप तय

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मामले में उत्तर प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल, साध्वी प्राची, यति नरसिम्हानंद और अन्य के नाम शामिल हैं, मामले की अगली सुनवाई 30 जनवरी को होगी।

राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल, सांसद हरिंदर मलिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, साध्वी प्राची और सुरेश राणा सहित एक दर्जन से अधिक भाजपा नेताओं पर मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक दंगे भड़काने का आरोप लगाया गया है। मालूम हो कि 2013 में जिले में हुई निगला मंडूर हिंदू महा पंचायत में बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं पर कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं।

सिविल जज सीनियर डिवीजन देवेन्द्र फौजदार ने शनिवार को 2013 में नंगला मंडोर में हुई हिंदू महापंचायत में कई नेताओं पर लगे आरोपों की सुनवाई की। इस मामले में कोर्ट ने प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल, मुजफ्फरनगर से लोकसभा सांसद हरिंदर मलिक, पूर्व मंत्री संजीव बालियान, पूर्व मंत्री सुरेश राणा, पूर्व चेयरमैन श्याम पाल, पूर्व विधायक उमेश मलिक, पूर्व विधानसभा सदस्य कंवर भारतेंदु सिंह, पूर्व विधायक को दोषी करार दिया है। सांसद सोहनवीर सिंह, पूर्व प्रमुख स्वर्गीय वीरेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री अशोक कटारिया, पूर्व विधायक अशोक किंसल, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष यशपाल पवार, आचार्य नरसिंहानंद यति महाराज, साध्वी प्राची आदि पर आरोप लगे हैं। इन सभी बीजेपी नेताओं पर सांप्रदायिक दंगा भड़काने के आरोप में मुकदमा चलाया जाएगा।
 
31 अगस्त 2013 को सिखेड़ा थाना क्षेत्र के गांव नंगला मंदौड़ में पंचायत का आयोजन किया गया था। पंचायत में नेताओं ने भड़काऊ भाषण दिए थे। पुलिस की तरफ से पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान, पूर्व सांसद कुंवर भारतेंदू, पूर्व गन्ना मंत्री सुरेश राणा, पूर्व विधायक उमेश मलिक, साध्वी प्राची, श्यामपाल चेयरमैन, मिंटू, योगेश, सचिन, रविन्द्र, बिट्टु सिखेड़ा, शिव कुमार, वीरेन्द्र प्रमुख समेत 14 के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। पुलिस ने सभी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।

इस मामले में वीरेन्द्र प्रमुख की मौत हो चुकी है, जबकि आरोपी शिवकुमार की फाइल अलग कर दी गई थी। बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता श्यामवीर सिंह और विक्रांत मलिक ने बताया कि शुक्रवार को एमपीएमएलए कोर्ट में सभी भाजपा नेता पेश हुए। कोर्ट ने सभी पर आरोप तय कर दिए हैं। वहीं, अभियोजन को सफाई साक्ष्य पेश करने के लिए 30 जनवरी की तिथि नियत की है।

निजी परिवाद में भी सभी आरोपियों पर आरोप तय

इसी मामले में तत्कालीन एडीएम की तरफ से 20 नेताओं के खिलाफ निजी परिवाद में भी आरोप तय हो गए हैं। बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता श्यामवीर सिंह ने बताया कि शुक्रवार को निजी परिवाद मामले में उपरोक्त भाजपा नेताओं के अलावा सपा सांसद हरेन्द्र मलिक, पूर्व सांसद सोहनवीर सिंह, पूर्व मंत्री अशोक कटारिया, पूर्व विधायक अशोक कंसल, राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल और पूर्व जिलाध्यक्ष यशपाल पंवार कोर्ट में पेश हुए। इस मामले में सभी नेताओं के खिलाफ आरोप तय हो गए हैं। कोर्ट ने सफाई साक्ष्य के लिए 30 जनवरी की तिथि नियत की है।

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