ज्योति मौर्य के पिता का कहना है कि अब तो आलोक मौर्य चिल्ला-चिल्लाकर लोगों को बता रहे हैं कि वह एक सफाई कर्माचारी हैं, लेकिन शादी से पहले उन्होंने और उनके परिवार ने झूठ बोला था। शादी के कार्ड में आलोक को ग्राम पंचायत अधिकारी लिखा गया है।
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में तैनात एसडीएम ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक मौर्य का की ख़बरें इन दिनों सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है। लेकिन अब इन दोनों की शादी को लेकर एक नया खुलासा हुआ है।
दरअसल सोशल मीडिया में ज्योति और आलोक की शादी का एक कार्ड वायरल हो रहा है। कार्ड में आलोक को ग्राम पंचायत अधिकारी लिखा गया है।
अलोक के परिजन की सफाई
ज्योति का आरोप है कि आलोक पंचायती राज विभाग में सफाई कर्मचारी हैं, जबकि शादी झूठ बोलकर किया गया था। वहीं, आलोक के परिजनों का कहना है कि लड़की वालों ने कार्ड में ग्राम पंचायत अधिकारी छपवाया था। लड़के वालों की तरफ से छपवाए गए शादी के कार्ड में सिर्फ आलोक कुमार लिखा था।
बढ़ सकती हैं अलोक मौर्या की मुश्किलें
खबरों के मुताबिक, ज्योति मौर्य और आलोक मौर्य की शादी का जो कार्ड वायरल हो रहा है, उस पर ज्योति मौर्य के पिता पारसनाथ मौर्या का बयान सामने आया है।
ज्योति मौर्य के पिता ने कहा कि शादी के समय आलोक मौर्य ने नहीं बताया था कि वह एक सफाई कर्मचारी हैं। आलोक ने खुद को ग्राम पंचायत अधिकारी बताया था। शादी के कार्ड पर भी हमने ग्राम पंचायत अधिकारी वाली बात लिखवाई थी। शादी के कार्ड की वायरल फोटो में यह देखा जा सकता है। ऐसे में अगर जांच में यह बात साबित होती है तो आलोक मौर्या की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
शादी का अंजाम यही होना था
ज्योति मौर्या के पिता यूपी में वाराणसी के चिरईगांव में रहते हैं। ज्योति मौर्य के पिता ने कहा कि अब तो आलोक मौर्य चिल्ला-चिल्लाकर लोगों को बता रहे हैं कि वह एक सफाई कर्माचारी हैं, लेकिन शादी से पहले उन्होंने और उनके परिवार ने झूठ बोला था। जो शादी झूठ की बुनियाद पर हुई हो उसका अंजाम तो ऐसा होना ही था।
- एक दूसरे के रहन-सहन, रीति-रिवाज, जीवन शैली और भाषा को जानना आवश्यक है: गंगा सहाय मीना
- Understanding Each Other’s Lifestyle, Customs, and Language is Essential: Ganga Sahay Meena
- आम आदमी पार्टी ने स्वार विधानसभा में चलाया सदस्यता अभियान
- UP Bye-Elections 2024: नेता प्रतिपक्ष पहुंचे रामपुर, उपचुनाव को लेकर सरकारी मशीनरी पर लगाए गंभीर आरोप
- लोकतंत्र पर मंडराता खतरा: मतदाताओं की जिम्मेदारी और बढ़ती राजनीतिक अपराधीकरण- इरफान जामियावाला(राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पसमंदा मुस्लिम महाज़)