Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rank-math domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home3/globazty/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
मौलवियों की बीवियां क्यों होती हैं इतनी खूबसूरत ? - globaltoday

मौलवियों की बीवियां क्यों होती हैं इतनी खूबसूरत ?

Date:

इस्लाम धर्म से पहले लड़कियों को जिंदा दफनाने की परंपरा थी, जिसे इस्लाम ने खत्म कर दिया और महिलाओं को पुरुषों के बराबर के अधिकार दिए। इस्लाम ने माँ के क़दमों में जन्नत रखदी और बेटी को अल्लाह की रहमत बताया। पत्नी के रूप में आदमी को दुनिया में सबसे अच्छा, सबसे सुंदर और प्यार भरा रिश्ता क़रार दिया और उसे अपार इज़्ज़त और एहतराम दिया।

इस्लाम में महिलाओं को हिजाब पहनने के लिए कहा गया है, हालांकि इस सिलसिले में एक मौलाना का बयान सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हुआ जिसमें उन्होंने इस धारणा पर कि ‘मौलवियों की बीवियां ज्यादा खूबसूरत होती हैं’ पर ऐसी अनोखी मिसाल पेश की है कि दुनिया भर के मुसलमान दीवाने हो गए हैं।

फेसबुक पर वायरल हुए वीडियो में मौलाना मौलाना साहिब कहते हैं कि मैं एक प्रोग्राम में शामिल हुआ जिसमें ईसाई और मरजई शामिल थे। उन्होंने मुझसे सवाल किया कि एक बात तो बताएं ज़्यादातर मौलवियों की बीवियां सुंदर क्यों होती हैं ? मैंने कहा कि यह तो अल्लाह का रहम और और फज़ल है। वह कहने लगे कि कितने भी दुनियादार लोग हैं, उनकी बीवियां तो इतनी सुंदर नहीं होतीं ?

पर्दे की लाज

मौलाना साहब ने कहा कि प्रोग्राम में शामिल इन लोगों ने दुनियादार लोगों की कई तरह की औरतों की मिसाल पेश की और कहा कि इन सभी तरह की औरतों में देखा गया है कि मौलानाओं की बीवियां ही सबसे सुंदर होती हैं। मौलाना साहब ने कहा कि मैंने उन्हें संबोधित करते हुए जवाब दिया कि इसमें कोई शक नहीं है, अल्लाह का शुक्र है, आप लोगों को एहसास ही नहीं है कि अल्लाह ने पर्दे की लाज राखी है।

पर्दे की एहमियत

मौलाना ने कहा,” ज़रा सोचिये एक जिस्म जिसपर पर दिन भर गंदगी पड़ती है, धूल उड़ती है, पूरे समाज की बुरी निगाहें पड़ती हैं और फिर चेहरे को बनने संवरने के लिए तरह तरह के कैमिकल से बनी रंग-बिरंगी क्रीमों का इस्तेमाल करती हैं जिससे एलर्जी और स्किन की अन्य बीमारियां पैदा होती हैं। अल्लाह का शुक्र है कि हमारी औरतें आपकी औरतों की तरह बन संवरकर नहीं बल्कि एक हिजाब डालकर निकलती हैं और जो चीज़ पर्दे में यानि ढकी होती है उसपर सूरज की किरणें नहीं पड़ती हैं और वो बुरी निगाहों से भी महफूज़ रहती हैं मौलाना ने जवाब दिया।

मैंने उन्हें एक मिसाल दी कि आप अपने आपको ही देखें प्रोफेसर साहब, आप अपनी पिंडली पर नज़र डालें और उस हिस्से को देखें जहाँ तक आपकी पेंट है और उस हिस्से को देखे जो खुला रहता है, आप पैर के उस हिस्से को देखें जहां जूता पहना जाता है और तुलना करें, और आप उन लोगों के हाथों को देखें जिन्होंने आधी आस्तीन की शर्ट पहनी हो, उनके हाथ के निचले हिस्से को देखें और फिर कोहनी के ऊपर के हिस्से को देखें, अंतर स्पष्ट हो जाएगा। यह जवाब सुनकर सभी लोगों ने हाँ में सर हिलाया और कहा कि हाँ ये फ़र्क़ तो है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Visual Stories

Popular

More like this
Related

एक दूसरे के रहन-सहन, रीति-रिवाज, जीवन शैली और भाषा को जानना आवश्यक है: गंगा सहाय मीना

राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद मुख्यालय में 'जनजातीय भाषाएं...

Understanding Each Other’s Lifestyle, Customs, and Language is Essential: Ganga Sahay Meena

Lecture on ‘Tribal Languages and Tribal Lifestyles’ at the...

आम आदमी पार्टी ने स्वार विधानसभा में चलाया सदस्यता अभियान

रामपुर, 20 नवंबर 2024: आज आम आदमी पार्टी(AAP) ने...
Open chat
आप भी हमें अपने आर्टिकल या ख़बरें भेज सकते हैं। अगर आप globaltoday.in पर विज्ञापन देना चाहते हैं तो हमसे सम्पर्क करें.