ग्लोबलटुडे, 07 अक्तूबर-2019
रामपुर से तस्कीन मोहम्मद फैयाज खान की रिपोर्ट
इंपोर्टेड गैजेट्स और अप्लायंसेज की चमक दमक भले ही चकाचौंध करने वाली है लेकिन आज भी देसी वस्तुओं की पाय दारी कम नहीं हुई है। इसका मुख्य कारण है स्वदेशी प्रेम की भावना। इसी भावना के चलते रामपुर के एक टॉप इंग्लिश मीडियम स्कूल ने, जो हर साल ट्रैक एंड फील्ड एक्टिविटीज और बच्चों का ओलयम्पिक ऑर्गेनाइज करता था, इस बार कबड्डी टूर्नामेंट का आयोजन कराया है।
मैकडॉनल्ड, केएफसी और डोमिनोस जैसी फूड कंपनियो के विदेश खानपान से हो रहे स्वस्थ के नुकसान से जागरूक हो रहे लोग अब देसी व्यंजनों की ओर आकर्षित तो हो ही रहे हैं, साथ ही खेल कूद और स्पोर्ट्स में भी विदेशी छोड़ स्वदेशी अपनाने की लहर चल पड़ी है।
ऐसा ही नजारा देखने को मिला रामपुर के व्हाइटहॉल पब्लिक स्कूल में जो एक इंग्लिश मीडियम स्कूल है और हर साल ट्रैक एंड फील्ड गेम्स की प्रतियोगिताएं और बच्चों का ओलंपिक ऑर्गेनाइज करता रहा है, लेकिन इस बार व्हाइटहॉल पब्लिक स्कूल ने कबड्डी टूर्नामेंट का आयोजन किया है। व्हाइटहॉल पब्लिक स्कूल की डायरेक्टर डॉ शोभा नंदा का कहना है कि स्वदेशी खेल बच्चों के विकास के लिए उनके स्वास्थ्य के लिए बेहद कारगर साबित हो रहे हैं और इनको प्रोत्साहन देने की जरूरत है।
व्हाइटहॉल पब्लिक स्कूल में आयोजित कबड्डी टूर्नामेंट में आसपास के जिलों से लगभग 50 टीमें भाग ले रही हैं जिसमें 35 टीमें लड़कों की और 15 टीमें लड़कियों की आई है।
लड़कियों के फाइनल में केंद्रीय विद्यालय रामपुर और अल्केमिस्ट पब्लिक स्कूल की टीमों का मुकाबला हुआ जिसमें अल्केमिस्ट ने बाजी मारते हुए फाइनल अपने नाम किया जबकि लड़कों के मुकाबले में वाइटहॉल पब्लिक स्कूल और हापुड़ की टीम में दो-दो हाथ हुए जिसमें फाइनल की विजेता हापुड़ की टीम रही ।
मजेदार बात यह है कि कबड्डी जैसे स्वदेशी खेल की तरफ लड़के ही नहीं अब लड़कियां भी आकर्षित हो रही हैं और वह भी बेहद रोमांचक खेल का प्रदर्शन करके यह साबित कर रही हैं कि लड़कियां किसी से कम नहीं।
यह सब इसलिए भी बेहद जरूरी है कि बच्चे आजकल स्कूल से घर वापस जाने के बाद स्मार्टफोन हाथ में उठाते हैं और पब्जी जैसे खेल और सोशल मीडिया में खो जाते हैं जो उनके स्वास्थ और पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए बेहद घातक साबित हो रहे हैं ऐसे में देसी खेल उनके स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हैं।