सपा-बसपा हो कांग्रेस, आतंक पर नर्मी का इनका पुराना रिकॉर्ड रहा है। हमारी सुरक्षा एजेंसियां आतंक के मददगारों को पकड़ती थीं, और ये वोट के लिए उनको छोड़ देते थे। आज ये सभी महामिलावटी फिर से केंद्र में एक मजबूर सरकार बनाने की फिराक में हैं- नरेंद्र मोदी
ग्लोबलटुडे/नई दिल्ली[तरन्नुम अतहर]: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के माया बाजार, गोसाईगंज (फैजाबाद) और भरवारी (कौशांबी) में सभा को संबोधित किया और ‘जय श्री राम’ का उद्घोष करते हुए उत्तर प्रदेश को बर्बाद करने के लिए सपा, बसपा और कांग्रेस पर एक के बाद एक कई हमले किये।
मोदी ने कहा कि जो काम कांग्रेस और महामिलावटी लोगों के 55 सालों में नहीं हुआ, वह काम आपके इस चौकीदार ने 55 महीनों में कर दिया है। ये महामिलावटी लोग जातिवाद और वंशवाद को बल देने वाले लोग हैं – या तो वे बेल पर हैं, या तो कटघरे में हैं। आप मुझे बताइए क्या ऐसे लोगों से देश का भला होगा?
उन्होंने कहा कि जैसे नमक के बिना कोई खाना नहीं बनता, वैसे ही नमक की तरह हर जगह फैल जाना और हर किसी का भला करना – यही मेरा काम है। हमारे लिए खुद से बड़ा दल होता है और दल से बड़ा देश होता है। हम देश के लिए जीने वाले, देश के लिए मरने वाले लोग हैं।
विपक्ष पर हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि आजकल प्रधानमंत्री बनने के लिए हर गली-मोहल्ले में कोई न कोई उभर कर आ रहा है और वो प्रधानमंत्री बनना चाहता है लेकिन आप मुझे बताइए, प्रधानमंत्री बनने के लिए जो इतने चेहरे दिख रहे हैं उनमें से कौन सा चेहरा है जो आतंकवाद को खत्म कर सकता है?
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस चुनाव की कई विशेषताएं हैं – पहली, कांग्रेस पार्टी जिसने देश पर सालों तक राज किया, इतने सारे लोग उनके पास हैं, इनके पास पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व मुख्मंत्रियों और मंत्रियों का ढेर है फिर भी कांग्रेस इस चुनाव में सबसे कम सीटों पर लड़ रही है क्योंकि उन्हे लोग नहीं मिल रहे हैं। दूसरी – जब कर्नाटक का नतीजा आया तो नतीजे उनके पक्ष में नहीं थे लेकिन फिर भी सबने वहां जाकर हाथ पकड़कर फोटो खिचाई और उनके रागदरबारियों ने हवा बनाई कि गठबंधन हो गया। अब मोदी बच नहीं सकेगा। बैंगलोर से निकल कर दिल्ली पहुंचते-पहुंचले ये एक दूसरे के जानी दुश्मन बन गए।
मोदी ने कहा कि पहली बार केंद्र में सरकार चुनने के लिए 21वीं सदी में जन्में युवा वोट देंगे। वे ओजस्वी हैं, तेजस्वी हैं, जवान हैं और उनके सपने भी जवान हैं। मैं उन सभी युवाओं को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब सरकार बदलती है, नीयत बदलती है, तब कैसा परिणाम आता है वो इस बार प्रयागराज में आयोजित कुंभ के मेले ने दिखा दिया। पहले कुंभ का मेला होता था तो भ्रष्टाचार की बाते सामने आती थीं। इस बार कुंभ का मेला हुआ तो शान से माथा ऊंचा हो गया, भ्रष्टाचार का एक भी आरोप इस बार कुंभ में नहीं लगा। श्री मोदी ने कहा कि पहले कुंभ का मेला होता था तो चोरी की शिकायतें आती थीं। इस बार कुंभ में चोरी की भी कोई शिकायत नहीं आई। इस बार कुंभ के मेले की चर्चा सफाई और स्वच्छता को लेकर हुई। कुंभ भी हज़ारों साल से होता आ रहा है। लेकिन जो दिव्यता और भव्यता इस बार प्रयागराज में दिखी वो अभूतपूर्व है। पंडित नेहरू कुंभ में आए थे, राज्य में कांग्रेस की सरकार थी, केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक कांग्रेस की सरकार थी, तब पंडित नेहरू कुंभ में आए तो यहां अव्यवस्था के कारण यहां भगदड़ मच गई थी। यहां की मीडिया ने भी उन खबरों को दिखाने की हिम्मत नहीं जुटाई थी, उन परिवारों को जिन्होंने अपनों को खोया था उन्हें एक रुपया नहीं मिला, ये सिर्फ भगदड़ नहीं थी, भगदड़ के बाद जो हुआ तो असंवेदनशीलता का जुल्म था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बहन जी ने बाबा साहब के नाम का उपयोग किया, लेकिन काम उनके आदर्शों के विपरीत किए। समाजवादी पार्टी ने लोहिया जी के नाम का उपयोग किया, लेकिन अपने आचरण से न सिर्फ यूपी की कानून व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया बल्कि लोहिया जी के आदर्शों को मिट्टी में मिला दिया। क्या समाजवाद की बात करने वालों को, लोहिया जी की बात करने वालों को गरीबों की, श्रमिकों की चिंता नहीं करनी चाहिए थी? क्या बहुजन हिताय की बात करने वालों को, बाबा साहेब की बात करने वालों को, श्रमिकों की चिंता नहीं करनी चाहिए थी? क्या पिछले 60-70 साल से हर चुनाव में गरीबी हटाओ का नारा उछालने वाली कांग्रेस को श्रमिकों की चिंता नहीं करनी चाहिए थी?
मोदी ने कहा कि हमारे देश के 40 करोड़ से ज्यादा श्रमिक भाई-बहनों की इन पार्टियों ने कभी परवाह ही नहीं की। श्रमिकों को, गरीबों को वोटबैंक में बांटकर इन लोगों ने सिर्फ और सिर्फ अपना और अपने परिवार का फायदा कराया। पहली बार देश में किसी सरकार ने गरीबों के बारे मे सोचा है, श्रमिकों के बारे मे सोचा है। हमने उनकी परवाह की है, उनका जीवन आसान बनाने के लिए काम किया है। हम प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना लाए हैं। इससे श्रमिक साथियों को 60 वर्ष की आयु के बाद 3000 रुपए तक की पेंशन सुनिश्चित होगी। हमारे गरीब श्रमिक भाई-बहनों को इलाज में पैसे न खर्च करने पड़ें, इसके लिए आयुष्मान भारत योजना भी हम चला रहे हैं। इस योजना के तहत उन्हें हर साल 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलना तय हुआ है। हमारी आंगनवाड़ी वर्कर्स, आशा बहनें, ANM बहनें, हमारे डाकिए साथी, बरसों बाद इन सभी की वेतन वृद्धि का काम भी हमारी ही सरकार ने किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि योग हमारी संस्कृति का हिस्सा सदियों से है लेकिन पूरी दुनिया 21 जून को योग दिवस मनाए, ये काम हमारी सरकार ने ही किया है। अयोध्या में दीप तो हज़ारों वर्षों से जलते आए हैं, लेकिन अब जो दीपावली मनाई जाती है, वो दुनियाभर में चर्चा का विषय बनती है, देश का गौरव बढ़ता है। जब कोरिया की फर्स्ट लेडी, वहां के राष्ट्रपति की पत्नी, यहां अयोध्या में हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनकर आती हैं, तो इसकी चर्चा हर तरफ होती है। जब आसियान समिट के दौरान, वहां से आए कलाकार अपने-अपने देशों में प्रचलित रामायण के अंश प्रस्तुत करते हैं, तो सबकी नजर जाती है।
मोदी ने कहा कि देश में अभी स्वदेश दर्शन नाम से एक बहुत व्यापक कार्यक्रम चल रहा है। जिसके अंतर्गत देश में रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट, बौद्ध सर्किट सहित 15 सर्किट पर काम चल रहा है। रामायण सर्किट के तहत अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक, जहां-जहां भी प्रभु राम के निशान हैं, उन सभी स्थानों को विकसित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आस्था और पर्यटन पर सबसे बड़ा खतरा होता है, आतंकवाद का। अभी हाल में हमने देखा है कि श्रीलंका में क्या हुआ? कुछ यही स्थिति 2014 से पहले भारत में भी तो थी। अयोध्या में, फैजाबाद में कैसे-कैसे धमाके हुए ये हम कैसे भूल सकते हैं। उन्होंने कहा कि सपा-बसपा हो कांग्रेस, आतंक पर नर्मी का इनका पुराना रिकॉर्ड रहा है। हमारी सुरक्षा एजेंसियां आतंक के मददगारों को पकड़ती थीं, और ये वोट के लिए उनको छोड़ देते थे। आज ये सभी महामिलावटी फिर से केंद्र में एक मजबूर सरकार बनाने की फिराक में हैं। उन्होंने कहा कि हम एक नए हिन्दुस्तान के रास्ते पर चल पड़े हैं। जो छेड़ता नहीं है, लेकिन कोई छेड़ेगा तो छोड़ता भी नहीं है। खतरा सीमा के भीतर हो या फिर सीमा पार, नया हिंदुस्तान घर में घुसकर मारेगा।गोली का जवाब गोले से देगा।