Globaltoday.in|राहेला अब्बास | अमरोहा
उत्तर प्रदेश में श्रमिक क़ानूनों में बदलाव को लेकर बसपा एमपी ने योगी सरकार पर हमला बोला है.
उन्होंने कहा कि जब देश का मज़दूर वर्ग कोरोना महामारी(Covid-19) के कारण देश में चल रहे लॉकडाउन(Lockdown) में दर बदर की ठोकरें खा रहा हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा तीन साल तक के लिए श्रमिक क़ानूनों(Labour Law) को स्थगित कर देना उनके हितों और अधिकारों पर सीधा हमला है।
बसपा एमपी दानिश अली(Danish Ali) ने कहा,”सरकार को ऐसे हालातों में संवेदनशीलता दिखानी चाहिए थी, मज़दूरों के ज़ख्मों पर मरहम लगाने की ज़रूरत थी।
डेनिश अली ने मांग की है कि उत्तर प्रदेश सरकार को अपने इस तानाशाही फ़ैसले को तत्काल प्रभाव से वापिस लेना चाहिए।यूपी सरकार द्वारा श्रम क़ानूनों को ख़त्म करने से पूँजीवादी ताक़तें और मजबूत होंगी। सरकार ने हमेशा मज़दूरों के हितों को दरकिनार कर पूँजीपतियों का साथ दिया, जब लॉकडाउन में देश का मज़दूर वर्ग ज़िंदगी और मौत के बीच झूल रहा है ऐसे में श्रमिकों को ताक़त देने के बजाए यूपी सरकार ने उनके हितों पर कुठाराघात किया है।
उन्होंने कहा कि मज़दूर देश निर्माण की नींव होते हैं सरकार ने देश की नींव को मज़बूत करने के बजाए कमज़ोर करने का काम किया है जो कि निंदनीय है। अभी देश कोरोना से लड़ रहा है और यह अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता कि यह संकट कब तक जारी रहेगा जिस से देश की आर्थिक स्थिति बिगड़ने की आशंका है । अगर हमने मज़दूरों के हितों की अनदेखी की तो हम देश में उद्योगधंधों को कैसे चलाएँगे और आर्थिक स्थिति को पटरी पर कैसे ला पाएँगे । बाबा साहब ने भी संविधान के ज़रिए मज़दूर वर्ग को जो अधिकार दिए थे सरकार उनको छीनने का काम कर रही है। ऐसे में मज़दूरों का सरकार से भरोसा उठेगा और संकट पैदा होगा।
दानिश अली ने कहा कि भाजपा सरकारों द्वारा लाए गए ऐसे अध्यादेश से पूरी कमान मालिकों के हाथों में चली जाएगी मज़दूर अपने अधिकारों के लिए आवाज़ भी नहीं उठा सकते। ना बीमारी की शिकायत, ना बुरे व्यवहार की शिकायत ना सुविधाओं की शिकायत का अधिकार मज़दूरों के पास रह जाएगा।
बसपा एमपी ने कहा,”इससे साबित होता है कि भाजपा देश को पुनः वर्णवयस्था और अमीरों की दमनकारी नीतियों पर ले जाना चाहती है जो देशहित में नहीं। इस से मज़दूर वर्ग पर ज़ुल्म बढ़ेगा जिसका पहले से वो शिकार हैं ।सभी दलों को इसके विरोध में आवाज़ बुलंद करनी चाहिए”।
दानिश अली ने योगी सरकार के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि काम के घंटों को 8 की जगह 12 करना ज़ालिमाना फ़ैसला है। मैं उत्तर प्रदेश सरकार के श्रमिक विरोधी इस फ़ैसले का विरोध करता हूँ और इसे तुरंत वापिस लेने की मांग करता हूँ । मेरी महामहिम राष्ट्रपतिजी से भी यह अपील हे कि मज़दूर विरोधी इस अद्धियादेश को अपनी मंज़ूरी नहीं दें और मज़दूरों के अधिकारों की रक्षा करें।
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