गम्भीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती हुए लड़के का काजी ने कबूल करवाया निकाह,गवाह भी जिला अस्पताल के वार्ड में रहे मौजूद
ग्लोबलटुडे, 02 अगस्त
मुरादाबाद से राहेला अब्बास की रिपोर्ट
आपने अभी तक किसी भी जिला अस्पताल में बीमारों का ईलाज ही होते देखा है लेकिन मुरादाबाद जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड के बेड नम्बर 11 पर भर्ती शाहनवाज को जब मौलवियों द्वारा निकाह पढ़ाते देखा तो आसपास अपने मरीजों के तीमारदार भी हैरान रह गए और वार्ड में भीड़ लग गयी।
अस्पताल में भर्ती शाहनवाज़ की हालत इतनी खराब थी कि उसे अस्पताल के बेड पर सहारा देकर निकाह पढ़ाया गया। मुरादाबाद जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में गवाहों के सामने क़ाज़ी साहब रिश्तेदारों और गवाहों के सामने निकाह पढ़ाकर, सभी रस्मे पूरी कर ही देर में चले गए जबकि दूल्हा निकाह के बाद अभी भी जिला अस्पताल में अभी भी भर्ती है।
दोनों प्रेमी हुए थे घर से फ़रार
मुरादाबाद जिला अस्पताल में निकाह के समय गवाह के रूप में मौजूद लड़के के चाचा मोहम्मद शफी ने चौंकाने वाली वाली बात बताते हुए कहा कि लड़का शाहनवाज, लड़की आसमा को लेकर चला गया था, जब वो मिल गए तो उसके बाद लड़के को मारा तोड़ा गया और फिर पुलिस केस किया गया।
निकाह के बाद ही सब विवाद खत्म होने की बात लड़की पक्ष की ओर से रखी गई तो लड़का पक्ष तैयार हो गया। दोनों पक्ष मेरे रिश्तेदार हैं और दोनों की रजामंदी से निकाह हुआ है।
परिजनों ने घटनाक्रम कैमरे के सामने न बताते हुए जानकारी दी कि सोमवार 29 जुलाई को आसमाँ के परिजनों को उत्तरांचल के रुड़की शहर में होने की सूचना मिली तो परिजनों ने आसमाँ और प्रेमी शाहनवाज को रुड़की में पकड़ लिया और दोनों की शादी करवाने के बहाने मुरादाबाद वापस ले आए।
घर बुलाकर पहले लड़के की जमकर की पिटाई
बताया जा रहा है कि मुरादाबाद आकर आसमाँ के परिजनों ने शहनावाज को घर में बंद करके बहुत पीटा, हालत गंभीर होने पर शाहनवाज को जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया। पिटाई से नाराज परिजनों ने पुलिस में शिकायत की जिसके बाद दोनों परिवार शादी के लिए राजी हो गए। जिस पर परिजनों और गवाहों की मौजूदगी में काजी मोहम्मद अख़लाक़ ने मुरादाबाद जिला अस्पताल के वार्ड में गुरूवार का निकाह पढ़वाया।
निकाह में मैहर की रुपये 50000 की रकम रखी गई और गवाहों के हस्ताक्षर कराए गए, फिलहाल दोनों पक्ष अब रिश्तेदार तो बन गए हैं। लेकिन 3 दिन पहले लड़के को इतना पीटा गया था कि वो अस्पताल में पड़ा है और बोलने व उठने की स्थिती में भी नहीं है। निकाह के समय भी उसे एक व्यक्ति ने सहारा देकर बैठा रखा था। कुबुलनामे के समय उसकी आवाज तक नहीं निकल पा रही थी। इससे पहले लड़की के घर पर ही निकाह की रस्म काजी द्वारा गवाहों की मौजूदगी में ही पूरी की गई।
मुरादाबाद जिला अस्पताल में भर्ती आसमाँ के प्रेमी शाहनवाज के चाचा शफीक ने बताया कि मेरा भतीजा है, लड़की को लेकर अपने साथ चला गया था। पुलिस केस हो गया था ,उसकी पिटाई कर दी थी,लड़की भी रिश्ते में भतीजी लगती है। इस पूरे मामले में पुलिस केस हो गया था। दोनों परिजनों की रजामंदी से दोनों का निकाह करवा दिया गया है।
मुरादाबाद जिला अस्पताल में इस एतिहासिक निकाह करवाने वाले काजी अखलाक अहमद ने भी कहा कि पहली बार है।उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में पहली बार निकाह करवाया है। दोनों परिवार शादी के लिए राजी हो गए हैं लड़के ने भी निकाह कबूल कर लिया है।