Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rank-math domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home3/globazty/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114 globaltoday कैराना के बाद मेरठ के एक मोहल्ले में 'मकान बिकाऊ है' के लगे बोर्ड
आज अपराधों और छेडछाड़ जैसी घटनाओं के चलते प्रहलाद नगर के पंजाबी परिवारों का रहना दूभर हो गया है। इस मोहल्ले में अब हर तीसरे मकान में ‘मकान बिकाऊ है’ का बोर्ड लगा हुआ है।
मेरठ/उरूज आलम: 1947 में देश की आजादी के दौरान बंटवारे का दंश देश के सभी मजहबों के लोगों को झेलना पड़ा था। पाकिस्तान से मेरठ आए बहुत से पंजाबी परिवार, मेरठ के प्रहलाद नगर इलाके में उस दौरान टेंट बनाकर बस गए थे। इसके बाद धीरे-धीरे मेरठ का यह प्रहलाद नगर इलाका हिन्दू पंजाबी मोहल्ले में तब्दील होता चला गया। समय के साथ इस मोहल्ले में भी बदलाव हुए। टेंटों का स्थान रिहाएशी मकानों ने ले लिया। इस मोहल्ले के चारों ओर दूसरे सांप्रदाय के लोगों की रिहाइशी बस्तियां बसी हुई हैं।
लेकिन आज अपराधों और छेडछाड़ जैसी घटनाओं के चलते प्रहलाद नगर के पंजाबी परिवारों का रहना दूभर हो गया है। इस मोहल्ले में अब हर तीसरे मकान में मकान बिकाऊ है, का बोर्ड लगा हुआ है।
पश्चिम उप्र के बाद अब मेरठ का प्रहलाद नगर करीब छह महीने से पंजाबियों के पलायन के मुद्दे की वजह से चर्चा में है। मेरठ के इस मोहल्ले का हाल यह है कि यहां पर शाम होते ही महिलाएं और युवतियां घर में कैद हो जाती है।
प्रहलाद नगर मोहल्ले में अपराध पुलिस के लिए कोई मुद्दा नहीं है। दिन निकलने के साथ ही दूसरे सांप्रदाय के युवा बाइकों पर तेज़ हार्न के साथ स्पीड से निकलते हैं। युवतियों पर फब्तियां कसना और मारपीट करना इन युवकों का शग़ल बन चुका है। जो मोहल्ला पहले कभी मेरठ की शान हुआ करता था आज उसी मोहल्ले में तरक्की पसंद व्यक्ति रहने को तैयार नहीं है।
आज जब मेरठ में भी इसी तरह का पलायन जारी है तो इसके बारे में भाजपा के विधायक और सांसद चुप क्यों हैं?
2017 में जब विधानसभा चुनाव हुए थे उस दौरान पश्चिम उप्र में हिन्दुओं के पलायन की खबरे काफी सुर्खियों में थी। 2017 में ही बजरंग दल ने आरोप लगाया था कि कानून-व्यवस्था बिगड़ने के कारण देवबंद से सैकड़ों हिन्दू परिवार पलायन कर गए थे। इसे भाजपा और उसके अन्य संगठनों ने कश्मीर से पंडितों के पलायन की तरह की घटना बताया था। खुद सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उस दौरान गोरखपुर के सांसद थे। योगी आदित्यनाथ ने उस दौरान मांग की थी कि इसकी केंद्रगीय जांच होनी चाहिए क्योकि कानून व्यवस्था बिगड़ने की वजह से पश्चिम यूपी के हिंदू भारी संख्या में पलायन कर रहे हैं।
भाजपा की एक टीम हिंदुओं के पलायन की जांच करने के लिए उस दौरान कैराना भी गई थी। इस पूरे मामले में दिवंगत भाजपा नेता हुकुम सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भाजपा की टीम ने भी माना था कि मुस्लिमों के दबाव के चलते हिंदुओं को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
खैर ये तो थी 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान पलायन के मुद्दे की बातें। आज जब मेरठ में भी इसी तरह का पलायन जारी है तो इसके बारे में भाजपा के विधायक और सांसद चुप क्यों हैं।
मेरठ में आज पांच विधायक भाजपा के हैं और सांसद भी 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के ही जीतकर आए। ऐसे में भाजपा के शासनकाल में ही हिन्दू मेरठ जैसे मेट्रो शहर से पलायन के लिए मजबूर हो रहा है। इस बारे मेें जब सांसद राजेन्द्र अग्रवाल से बात की गई तो उनका कहना था कि यह गंभीर मसला है। इसकी जांच करवाई जाएगी। कोई अपराधिक कारणों से मोहल्ला छोड़ रहा है, अपना घर छोड़ रहा है, वाकई मामला काफी गंभीर है।