ग्लोबलटुडे न्यूज़/रामपुर[सऊद खान]: चुनाव से कुछ ही दिन पहले अचानक योगी सरकार के फ़रमान पर आज सुबह 6 मार्च को रामपुर का उर्दू गेट घ्वस्त कर दिया गया।
यह कार्यवाही तड़के 4:00 बजे शुरू हुई और चंद घंटों के अंदर भारी पुलिस बल, पीएसी की मौजूदगी में जेसीबी मशीन की गर्जना शुरू हुई और देखते ही देखते उर्दू गेट धराशाई हो गया। यह गेट समाजवादी पार्टी की सरकार में पूर्व मंत्री मोहम्मद आज़म खान ने बनवाया था जो कि जौहर यूनिवर्सिटी को जाने वाली सड़क पर बना हुआ था। यह बेहद नीचा गेट था जिससे भारी वाहन ट्रक और बसें आदि नहीं निकल सकती थीं। इसको बनवाने के पीछे मक़सद यूनिवर्सिटी की रोड पर ओवरलोड ट्रकों की आवाजाही को रोकना था। सरकार बदलने के बाद से ही भाजपा नेता आकाश सक्सेना उर्फ हनी इसको गिराये जाने की मांग उठा रहे थे।उर्दू गेट गिराए जाने पर रामपुर की स्वार तहसील के विधायक और समाजवादी पार्टी
के क़द्दावर नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम खान ने पत्रकार वार्ता बुलाकर शासन व प्रशासन पर निशाना साधा। अब्दुल्लाह आज़म ने कहा कि प्रशासन और सरकार को यह बताना पड़ेगा कि आखिर उर्दू से इतनी नफरत क्यों है? उर्दू के नाम से इतना विरोध क्यों है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन यह तर्क दे रहा है के गेट के चलते वाहनों को गुज़रने में कठिनाई होती थी। लेकिन उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि रामपुर में ट्रैफिक सिस्टम और सड़कों का बेहतरीन इंतज़ाम है। प्रशासन पर भारतीय जनता पार्टी का एजेंडा थोपने का आरोप लगाते हुए अब्दुल्लाह आजम खान ने कहा सारी नफ़रत उर्दू के नाम पर की गई है और उर्दू गेट से बदला निकाला गया।
अब्दुल्लाह आजम इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने यहां तक कह डाला सारी कार्रवाई के पीछे प्रशासन की साजिश दंगा कराने की थी,ताकि रामपुर में दंगा हो जाए और यहां से फैलते हुए सारे हिंदुस्तान में दंगे हों और भारतीय जनता पार्टी को चुनावी लाभ पहुंचे।
अब्दुल्लाह आजम ने कहा के स्वार अवैध खनन का एक गढ़ बन चुका है और इस रोड से अवैध खनन से लदे ओवरलोडेड ट्रकों से यह रोड टूट जाती थी। इसीलिए यहां यह गेट लगाया गया था। प्रशासन के अधिकारियों की कमाई अवैध खनन के ट्रकों से होती है और ट्रक इधर ना आने से उनको बड़ा घाटा होता है।
अब्दुल्लाह आजम ने यहां तक कह डाला अभी तो उर्दू गेट को तोड़ा है उन्हें सूत्रों से यह भी पता चला है कि प्रशासन अब रामपुर स्थित अंबेडकर पार्क का गेट तोड़ने वाला है और वहां स्थापित अंबेडकर जी की मूर्ति को भी प्रशासन तोड़ना चाहता है।