मृतक लावारिस था और नेपाल का रहने वाला था, जिसके चलते उसके परिजनों से इस घटना के संबंध में कोई संपर्क नहीं हो सका था।
Globaltoday.in|रईस अहमद | रामपुर
हर इंसान की आखिरी हसरत होती है कि मरने के बाद उसकी अर्थी या मैय्यत को चार आदमी कंधा देकर इस दुनिया से रुखसत करें। लेकिन उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर में इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक घटना उस समय सामने आई जब एक लावारिस व्यक्ति के शव को पोस्टमार्टम के बाद ठेली में रखकर उसके दाह संस्कार के लिए श्मशान घाट तक पहुंचाया गया।
रामपुर के थाना सिविल लाइन क्षेत्र में कुछ दिन पहले एक नेपाली व्यक्ति की मौत हो गई जिसके बाद उसके शव को पोस्टमार्टम हेतु जिला अस्पताल लाया गया।
नेपाल का रहने वाला था मृतक
मृतक लावारिस था और नेपाल का रहने वाला था, जिसके चलते उसके परिजनों से इस घटना के संबंध में कोई संपर्क नहीं हो सका था।
अब कई दिन इंतजार करने के बाद भी जब उसके परिजनों से शव के दाह संस्कार को लेकर संपर्क नहीं हो सका तो स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने हैवानियत और लापरवाही की सारी हदें पार करते हुए उसके शव को एक ठेली में रखकर दाह संस्कार के लिए श्मशान घाट तक पहुंचाया।
जैसे ही इंसानियत को शर्मसार करने वाली यह घटना कैमरे में कैद हुई तो हाहाकार मच गया।
जिलाधिकारी ने दिए जांच के आदेश
मामला जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह के संज्ञान में आया तो उन्होंने तत्काल इस पर एक्शन लेते हुए स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जांच बैठा दी। इसकी जांच का जिम्मा नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा गया है।
जिला अस्पताल की एम्बुलेंस नहीं किसी काम की
सूबे की तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार ने मरीजों की तकलीफ को कम करने के लिए 108 एवं 102 एंबुलेंस सेवा का चलन शुरू किया था। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद इस एंबुलेंस सेवा में धीरे धीरे कर ब्रेक लगने शुरू हो गए, जिसका अंजाम यह हुआ कि रामपुर जिला अस्पताल परिसर में खड़ी आधा दर्जन एंबुलेंस या तो कबाड़ हो चुकी हैं या फिर कबाड़ होने की कगार पर है।
अगर इन एंबुलेंस की हालत ऐसी न होती तो शायद लावारिस युवक के शव को ठेली में रखकर शमशान तक पहुंचाने की नौबत ना आती।
नगर मजिस्ट्रेट रामजी मिश्र के मुताबिक इसका संज्ञान आने पर तत्काल एसीएमओ मनोज शुक्ला द्वारा उसके विरुद्ध संबंध करने की कार्यवाही की गई है ताकि आगे से इसमें की घटना ना हो इसके लिए प्रथम दृष्टया ताकीद किया गया है।
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