उत्तर प्रदेश/रामपुर(रिज़वान खान): उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर में आजम खान ने सपा सरकार में साल 2016 में लालपुर के पुल को तोड़कर नए पुल का निर्माण शुरू कराया था। 2016 से 17 तक इस पुल का निर्माण हुआ। लेकिन 2017 में जैसे ही सत्ता परिवर्तन हुआ और भाजपा की सरकार बनी उसके बाद से इस पुल का निर्माण अधर में लटक गया।
एक साल में आज़म खान ने लगभग 70% पुल का निर्माण करा दिया था लेकिन 30% पुल का निर्माण योगी सरकार 5 साल के कार्यकाल में भी पूरा नही करा पाई और अब भाजपा की दूसरी पारी को भी 100 दिन से ज्यादा हो गए हैं लेकिन इस पुल का निर्माण कार्य बहुत ही धीमी गति से चल रहा है। इस पुल से लगभग 200 गांव का मुख्यालय से आना जाना होता है और लगभग एक लाख से ज्यादा लोगों की आबादी का यह पुल जरिया है।
जान हथेली पर रख, जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर लोग
जिस तरह से पीएम मोदी और सीएम योगी डिजिटल भारत की बात कर रहे हैं उसी भारत में एक यह भी नजारा है जिस तरह से लोग आज भी नदी जान हथेली पर रख, जोखिम में डालकर पार करने को मजबूर हैं। जहां एक और सरकार बड़े बड़े विकास के दावे कर रही है वहीँ यहां पर आकर सरकार के दावे फेल नजर आ रहे हैं।
पुल सियासत की भेंट चढ़ा लालपुर का पुल
लालपुर का पुल ज़्यादा लम्बा नहीं नही है, महज आधा किलोमीटर का है लेकिन यह पुल सियासत की भेंट चढ़ गया। नवाबों के बनाए हुए पुल को आजम खान ने राजनीतिक द्वेष भावना से तोड़कर नए पुल का निर्माण कराया लेकिन वह पुल अभी तक नहीं बन सका। जो लोग इस नदी से जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं उनमें से कुछ लोगों से ग्लोबलटुडे के संवादाता ने बात की और उनकी समस्या जानी।
क्या है लोगों का कहना
एक नौजवान युवक किशनपाल से हमने पुल नहीं होने के बारे में पूछा तो उसने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में चौमासे में लोगों को बहुत परेशानी होती है क्योंकि इस पुल के अलावा और कोई रास्ता नहीं है शहर से जोड़ने के लिए। किशन पाल ने कहा,”क्या करें? मजबूरी है, काम करना है तो रोज नदी पार करके आना पड़ेगा, सरकार इतनी ढील डाल रही है, कई साल से यह पुल का निर्माण नहीं हो पाया है।
वहीं एक दूसरे व्यक्ति फुरकान ने बताया,” परेशानी का सामना तो करना पड़ ही रहा है, बाइक निकल नहीं रही है, बीच रास्ते में बाइक बंद हो जा रही है। फुरकान ने कहा- हम पूरी बरसात ऐसे ही नदी पार करके आएंगे।”
वहीं एक और व्यक्ति फसाहत का कहना था कि पुल बना हुआ था, टूट गया। अब लोगों को परेशानी आ रही है, नदी पार करके जाना पड़ रहा है, मेरे दो भाई मेडिकल चलाते हैं, चौमासे में उन्हें बहुत परेशानी पड़ती है, प्रानपुर घूम कर आते हैं, 10 मिनट का रास्ता है घूम कर आने में 2 घंटे लगते हैं, फसाहत ने कहा- मजबूरी है, हमें मुरादाबाद जाना है, उधर से जाएंगे 2 घंटे लगेंगे, इधर से हम आधे घंटे में पहुंच जाएंगे।
- आईपीएस अधिकारी नूरुल हुदा ने वक्फ कानून के विरोध में अपनी नौकरी से इस्तीफा दिया
- Search, Seizure in Baramulla in connection With Muslim League (Masrat Alam Faction) Activities: Police
- यमन के बंदरगाह पर अमेरिकी हवाई हमलों में कम से कम 38 लोग मारे गए, 100 से अधिक घायल: रिपोर्ट
- अफगान तालिबान ने अमेरिकी सेना द्वारा छोड़े गए 500,000 हथियार आतंकवादियों को बेचे: ब्रिटिश मीडिया
- संभल हिंसा: SIT ने संभल हिंसा मामले में दाखिल की चार्जशीट..कहा फायरिंग का मकसद दहशत फैलाना