क्वारंटाइन सेंटर की छत से कूदे युवक की इलाज के दौरान मौत, परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाया हत्या का आरोप

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Globaltoday.in | रईस अहमद | रामपुर


उत्तर प्रदेश के ज़िला रामपुर में जौहर यूनिवर्सिटी निहित कोविड केयर सेंटर की छत से गिरकर चोटिल हुए युवक को ज़िला अस्पताल लाया गया जहां इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई।

युवक के गुस्साए परिजनों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी का घेराव कर अस्पताल प्रशासन हाय-हाय के नारे लगाए और उन्होंने स्वास्थ्य विभाग पर गैर इरादतन हत्या का भी आरोप लगाया है।

Life Line Hospital
Life Line Hospital

वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि युवक नशे का आदी था और इरिटेबिलिटी के चलते उसने यह कदम उठाया है। फिलहाल इस पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है, जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

इस संबंध में मृतक विनीत के तहेरे भाई अजीत गौतम ने बताया,”हमारी ताई(कृष्णा देवी) कोरोना पॉजिटिव पायी गयी थी, जिसके तहत उन्हे क्वॉरेंटाइन सेंटर ले जाया गया। ताई के साथ में दोनों भाईयों (विनीत और अमित) को भी ले जाया गया था। जिसका नाम विनीत गौतम है… उसे पता नही वहां के प्रशासन ने टॉर्चर किया या शेड्यूल कास्ट का होने के नाते वहां के लोगों ने इसके साथ गलत व्यव्हार किया या हो सकता है… कोई व्यक्ति वहां पर ऐसा हो जो इसे पसंद ना करता हो जिसकी वजह से इसे टॉर्चर किया गया… स्वास्थ्य सुविधाएं भी नहीं दी गई… जिसकी वजह से इसने ऐसा डिसीज़न लिया… इसे छत से कूदना पड़ा और आज सुबह इसकी मृत्यु हो गई।

परिजनों का आरोप है कि यहां जिला अस्पताल में से डॉक्टर ने मरीज़ का समुचित इलाज नहीं किया और न ही उसके परिवार के लोगों को सूचना दी गई कि आपका बेटा यहां अस्पताल में भर्ती है और इसकी स्थिति नाजुक है।

परिजनों का कहना है कि अगर समय पर उन्हें सूचित किया जाता तो हम इलाज कहीं भी करा सकते थे, यह रेफर कर सकते थे यहां से।

उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल के डॉक्टर ने घोर लापरवाही की है जिसकी वजह से हमारे भाई की मृत्यु हो गई है।

परजनों का कहना है कि यहां जो डॉक्टर या इंचार्ज हैं उन्होंने अपना काम ठीक से नहीं किया वह चाहते तो जिस तरह पैर में चोट पाई गई है ऐसी चोट लगने से किसी की मृत्यु नहीं होती है।

परिजनों का कहना है कि यह घोर लापरवाही का मामला बनता है, इसमें यहां के डॉक्टर और इंचार्ज के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए और गैर इरादतन हत्या का मुकदमा लिखना चाहिए इनके खिलाफ भी और क्वॉरेंटाइन सेंटर में जो इंचार्ज है उनके खिलाफ भी।

इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुबोध कुमार शर्मा ने बताया,” 26 तारीख को आगापुर में रेंडम सेंपलिंग हुई थी। क्योंकि वहां पर ज्यादा प्रवासी लोग आए थे उसमें एक कृष्णा देवी पॉजिटिव आई थी। उनके पॉजिटिव आने पर उन्हें भर्ती करा दिया गया कोविड- केयर सेंटर में। उनके दो लड़के विनीत और अमित इन दोनों को क्वॉरेंटाइन कराया गया था। 2 तारीख को कल 3 तारीख को शाम को अचानक विनीत इरिटेबल हो गया. पता करने पर जानकारी हुई कि वह नशे का आदी था… वह विड्रोल सिंड्रोम में था और उसी इरिटेबिलिटी में उसने छत पर पहुंचकर या तो वह कूद गया या वह गिर गया। बाद में उसे जिला अस्पताल ले जाकर उसका उपचार किया गया उसकी सुबह दुखद मृत्यु हो गई।

वहीं परिजनों के आरोप है कि उनको दलित होने की वजह से प्रताड़ित किया जा रहा था, इस पर सीएमओ सुबोध कुमार शर्मा ने कहा हमारे यहां हर तरह के मरीज हैं… कई लोग क्वॉरेंटाइन में आकर चले गए। इस प्रकार की कोई शिकायत नहीं की गई है फिर भी प्रकरण की जांच कराई जा रही है। अगर कोई दोष मिलता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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