उत्तर प्रदेश/रामपुर: जनपद रामपुर से सपा विधायक और पूर्व मंत्री आजम खान को आज बड़ा झटका लगा। कोर्ट ने हेट स्पीच (भड़काऊ भाषण) के मामले में उन्हें तीन साल की सजा सुनाई है। आज़म खान पर 25 हजार रुपए का जुर्मान भी लगाया गया है।
सजा के बाद आजम खान की विधायकी पर भी तलवार लटक गई है। आजम खान को सजा केवल उनके लिए नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है। मुलायम सिंह के निधन के बाद आजम खान सपा में अखिलेश यादव के बाद सबसे कद्दावर नेता माने जाते हैं।
जुमेरात की दोपहर करीब दो बजे एमपीएमएलए की विशेष अदालत ने सुनवाई शुरू करने के बाद आजम खान को दोषी ठहराते ही कस्टडी में ले लिया था। चार बजे के करीब अदालत ने फैसला सुनाया। इस दौरान आजम खां कस्टडी में ही रहे।
आजम के खिलाफ तीन धाराओं में केस दर्ज हुआ था। तीनों ही मामलों में उन्हें दोषी माना गया है।
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आजम पर भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि भाषण के दौरान आजम खां ने पीएम मोदी और सीएम योगी पर भी आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था।
आजम की दलील खारिज
इससे पहले आजम खान ने फैसले की तारीख टालने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। उनकी ओर से कहा गया था कि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए फैसले की तारीख को आगे बढ़ाया जाए। लेकिन कोर्ट ने उनकी दलील खारिज कर दी।
दोषी करार दिए जाने के बाद आजम खां को कोर्ट की कस्टडी में ले लिया गया। शाम लगभग 4.30 कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया, जिसमें उनको तीन साल की कैद और छह हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई गई। इसके बाद आजम खां को जमानत दे दी गई।
विधायकी भी खतरे में
तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद आजम खां की विधायकी खतरे में पड़ सकती है। क्योंकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा हुई है तो ऐसे में उनकी सदस्यता रद्द हो जाएगी।
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