सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी।
यूपी में धर्मांतरण रैकेट चलाने के आरोपी मौलाना कलीम सिद्दीकी की जमानत रद्द करने की मांग की याचिका पर मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश में धर्म परिवर्तन की इजाजत है लेकिन प्रलोभन, बल या धोखाधड़ी के जरिए धर्म परिवर्तन नहीं किया जा सकता है, यह क़ानूनन गलत है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से धर्मांतरण रैकेट चलाने के आरोपी के खिलाफ विशिष्ट भूमिका वाले आरोपों का विवरण देने को कहा।
जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने यूपी सरकार से सवाल किया कि आप के मुताबिक यह विदेशों से धन लेकर लोगों को धर्मांतरण कराता था? यूपी सरकार की तरफ से एडिशन एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने पक्ष रखा।
अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी
यूपी सरकार की तरफ से गरिमा प्रसाद ने कहा कि बस इतना ही नहीं आगे की जांच से य़ह भी पता चला कि देश भर में ऐसे लोगों का नेटवर्क है जो भारतीय के खिलाफ युद्ध छेड़ने और संविधान को शरिया कानून से बदलने के उद्देश्य से काम कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा मौलाना कलीम सिद्दीकी को जमानत दिए जाने के फैसले को यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने साल इस कलीम सिद्दीकी को अप्रैल में हाई कोर्ट जमानत दे दी थी।
दरअसल यूपी में धर्मांतरण रैकेट चलाने के आरोपी कलीम सिद्दीकी पर 1000 से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है। कलीम सिद्दीकी पर सामूहिक धर्म परिवर्तन रैकेट चलाने के आरोप में उनको सितंबर 2021 में गिरफ्तार किया गया था।
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