उत्तर प्रदेश/संभल(मुजम्मिल दानिश): संघ प्रमुख मोहन भागवत के जाति वाले बयान को लेकर सियासत तेज हो गई है।
संभल जिले के कांग्रेस जिलाध्यक्ष विजय शर्मा ने मोहन भागवत पर करारा प्रहार किया है। उन्होंने कहा है कि मोहन भागवत ऐसे संगठन के प्रमुख हैं जो या तो सत्ताधारी दल से जुड़ा है या फिर कहा जाएं कि भाजपा का गुलाम संगठन है। अडानी मुद्दे को भटकाने के लिए अब इस तरह की बयानबाजी की जा रही है।
आपको बताते चलें कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में जाति व्यवस्था को लेकर एक बयान दिया था जिसके बाद देशभर में मोहन भागवत के इस बयान को लेकर राजनीति गर्म हो गई है।
मोहन भागवत के बयान पर पलटवार करते हुए संभल जिले के कांग्रेस जिलाध्यक्ष विजय शर्मा ने कहा कि मोहन भागवत किसी धर्म के ज्ञाता नहीं हैं, ना ही किसी धर्म के बहुत बड़े विशेषज्ञ हैं, वह एक ऐसे संगठन के प्रमुख हैं जो सत्ताधारी दल या फिर कहा जाए भाजपा का गुलाम संगठन है, जिसके सहारे वह गैरराजनीतिक बताने के बावजूद राजनीतिक बयान बाजी करते हैं जिसमें कहीं ना कहीं राजनीति छुपी होती है, मोहन भागवत या तो किसी धर्मगुरु की श्रेणी में आते और किसी बात को कहते तो ठीक था, अब उनसे पूछा जाए कि पंडितों ने जाति बनाई है तो फिर पंडित किसने बनाए हैं, पंडित जाति भी तो किसी ने बनाई होगी।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि अदानी मुद्दे को भटकाने के लिए ऐसे बयानों की कोशिश की जाती रही है, तमाम रोजगार, बेरोजगारी के खिलाफ मोहन भागवत कभी नहीं बोलते क्योंकि मोहन भागवत खुद ऐसे संगठन से आते हैं जिसका काम सिर्फ नफरत फैलाना है, वह किसी भी जाति के खिलाफ हो वर्ग के खिलाफ हो या फिर धर्म के खिलाफ हो, मोहन भागवत द्वारा ब्राह्मणों के खिलाफ नफरत फैलाने का काम किया गया है, मोहन भागवत के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए, आखिर मोहन भागवत ब्राह्मणों के खिलाफ इस तरह के बयान देने वाले होते कौन हैं, वह सिर्फ एक संगठन के प्रमुख हैं जिसकी भूमिका ना तो देश की आजादी में रही है ना देश को बनाने में रही है केवल उसकी भूमिका माफी मांगने की रही है,।
विजय शर्मा ने कहा कि मैं कहता हूं कि मोहन भागवत आपको पंडितों से, ब्राह्मणों से माफी मांगनी चाहिए, सरकार को उनके खिलाफ खुद ही एक्शन लेते हुए मुकदमा दर्ज करना चाहिए।
स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर टिप्पणी पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि जो लोग इस तरह के बयान देते हैं वह या तो भाजपा से आए हुए लोग होते हैं या फिर अन्य पार्टियों से भाजपा में शामिल हुए लोग हैं। ऐसे लोगों को केवल सत्ता की भूख रहती है जो केवल जाति धर्म को बांटने का काम करते हैं, राम चरित्र मानस के खिलाफ बोलने के बावजूद स्वामी प्रसाद मौर्य को जेल नहीं भेजना कहीं ना कहीं भाजपा और समाजवादी पार्टी की मिलीभगत है।
- Winter Vaccation Anounced In J&K Degree Colleges
- National Urdu Council’s Initiative Connects Writers and Readers at Pune Book Festival
- पुणे बुक फेस्टिवल में राष्ट्रीय उर्दू परिषद के तहत ”मेरा तख़लीक़ी सफर: मुसन्निफीन से मुलाक़ात’ कार्यक्रम आयोजित
- एएमयू में सर सैयद अहमद खान: द मसीहा की विशेष स्क्रीनिंग आयोजित
- Delhi Riots: दिल्ली की अदालत ने 4 साल बाद उमर खालिद को 7 दिन की अंतरिम जमानत दी
- पत्रकारों पर जासूसी करने के आरोप में आयरिश पुलिस पर भारी जुर्माना लगाया गया