साल में पहली बार सूरज ख़ाना काबा के ठीक ऊपर

Date:

Globaltoday.in | राहेला अब्बास | वेबडेस्क

सऊदी एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के अनुसार, जुमेरात (27 मई) को सूरज काबा के ठीक ऊपर दिखाई दिया, जिससे दूरदराज़ के इलाकों में रहने वाले लोगों को क़िबला की सही दिशा निर्धारित करने में मदद मिली।

अल-अरबिया उर्दू की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस साल पहली बार सूरज काबा के ऊपर आया है।

एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के मुताबिक़, सूरज 27 मई को सऊदी अरब में स्थानीय वक़्त के मुताबिक़ दोपहर 12:18 बजे ख़ाना काबा के ऊपर आया था।

रिपोर्ट के मुताबिक, एस्ट्रोनॉमिकल एसोसिएशन के प्रमुख डॉ. माजिद अबू ज़हरा ने कहा कि काबा के ऊपर सूरज इसलिए आता है क्योंकि ख़ाना काबा भूमध्य रेखा और कर्क की कक्षा के बीच मौजूद है।

माजिद अबू ज़हरा ने कहा कि जब सूरज ख़ाना काबा के ऊपर देखा जाता है, तो वह लगभग 90 डिग्री की ऊंचाई पर होता है।

उन्होंने कहा कि यह वह लम्हा होता है जब ख़ाना काबा की परछाई ख़त्म हो जाती है।

एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के प्रमुख ने कहा कि जैसे ही सूरज ख़ाना काबा के ऊपर आने के दौरान, पड़ोसी अरब मुल्कों, अफ्रीका, यूरोप, चीन, रूस और पूर्वी एशिया के लोग क़िबला की दिशा निर्धारित कर सकते हैं।

अबू ज़हरा ने बताया कि पुराने ज़माने में लोग इसी तरह क़िबला की दिशा निर्धारित करते थे और यह तरीक़ा किसी भी तरह नई तकनीक से कम नहीं है।

गौरतलब है कि साल 2020 में चांद 5 बार ख़ाना काबा के ऊपर आया था, इससे पहले ख़ाना काबा के ठीक ऊपर चांद का नज़ारा 2018 में भी देखा गया था और इस रमज़ान की 12 तारीख को भी सूरज ख़ाना काबा शरीफ के ऊपर नज़र आया था।

    Share post:

    Visual Stories

    Popular

    More like this
    Related

    प्रो. नईमा गुलरेज़ बनीं AMU की नई वाइस चांसलर

    नईमा गुलरेज़ को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की कुलपति...

    CAA पर ‘चुप्पी’ को लेकर केरल में आलोचना झेल रही कांग्रेस ने कानून रद्द करने का वादा किया

    केरल: कांग्रेस द्वारा अपना चुनाव घोषणापत्र जारी करने के...