हिंसा और भ्रष्टाचार रोकने के लिए ठोस कदम उठाए सरकार: जमात-ए-इस्लामी हिंद

Date:

नई दिल्ली, 06 जून 2024: नई दिल्ली स्थित जमाअत-ए-इस्लामी हिंद(JIH) के मुख्यालय में आयोजित मासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनडीए सरकार के गठन, मुसलमानों के खिलाफ हिंसा, नए आपराधिक कानून, नीट(यूजी), नेट(यूजीसी) में अनियमितताएं और गिरावट तथा सार्वजनिक सुरक्षा पर विस्तार से चर्चा की गई।

सरकार को अपना राजधर्म निभाना चाहिए

मीडिया को संबोधित करते हुए जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने कहा कि सरकार को अपना राजधर्म निभाना चाहिए। केंद्र में एनडीए सरकार बनने के बाद से ही मुस्लिम समुदाय के लोगों को बेहद शर्मनाक और अनुचित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। उनके साथ जातिगत भेदभाव का व्यवहार करना और यह सोचकर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाना कि मुसलमानों ने बीजेपी को वोट नहीं दिया है अलोकतांत्रिक और अमानवीय है। उन्होंने कहा, ”संसदीय चुनाव के नतीजे आते ही देश के विभिन्न क्षेत्रों में सांप्रदायिक तनाव, भीड़ हिंसा और तोड़फोड़ की गतिविधियां बढ़ने लगी हैं, इस पर सख्ती से रोक लगाई जानी चाहिए।

नए कानून लोगों के खिलाफ

नए आपराधिक कानूनों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि ये कानून जनहित में होने के बजाय लोगों के खिलाफ हैं। उन्होंने नीट (यूजी) और नेट (यूजीसी) परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं के बारे में बात करते हुए कहा कि एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) इतने बड़े पैमाने पर परीक्षा की व्यवस्था संभालने में सक्षम नहीं है। इसलिए ये परीक्षाएं राज्य सरकारों की निगरानी में आयोजित की जानी चाहिए। छात्र पेपर लीक का आरोप लगा रहे हैं लेकिन सरकार एनटीए के साथ खड़ी दिख रही है। यह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि देश में जन सुरक्षा की समस्या काफी गंभीर हो गयी हैं। दुर्घटनाओं में वृद्धि के कारण नागरिकों की मृत्यु हो रही है। लेकिन सुरक्षा उपायों को लेकर सरकार की ओर से कोई ठोस योजना नहीं बनायी जा रही है। चाहे रेल दुर्घटनाएँ हों, या धार्मिक आयोजनों में भगदड़, या अन्य प्रकार की घटनाएँ, सरकार इनसे सीख नहीं लेती और भविष्य में इनसे बचने के लिए कोई ठोस व्यावहारिक कदम भी नहीं उठाती। लोगों की सुरक्षा हमेशा सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए और अपराध करने वालों को सजा मिलनी चाहिए।

कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जमात के राष्ट्रीय सचिव श्री शफ़ी मदनी ने कहा कि जनता की सुरक्षा करना सरकार की पहली ज़िम्मेदारी है, लेकिन हम देख रहे हैं कि कैसे विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर बड़ी दुर्घटनाएँ हुई हैं, लेकिन दुर्घटना के मुख्य दोषी अभी भी गिरफ्त में नहीं हैं। हालाँकि, कुछ कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन सरकार उन लोगों की अनदेखी कर रही है जो असली दोषी हैं।

मुसलमानों के खिलाफ हिंसा जारी

एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ सिविल राइट्स (एपीसीआर) के राष्ट्रीय सचिव श्री वासिक नदीम खान ने कहा कि साम्राज्यवादी सरकार में नागरिकों के खिलाफ काला कानून बनाया गया था। अब देश आजाद हो गया है, लेकिन ये नये आपराधिक कानून हमें उसी साम्राज्यवादी सोच की याद दिलाते हैं। इस कानून ने पुलिस को अपार शक्तियाँ दे दी हैं और जमानत की संभावना बहुत कम कर दी गई है। इस कानून में इलेक्ट्रॉनिक सबूत को भी सबूत माना गया है, जबकि कोर्ट इसे सबूत मानने से इनकार करता रहा है क्योंकि इसमें छेड़छाड़ की आशंका रहती है। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी समेत अन्य पार्टियों की सरकारों वाले राज्यों में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा जारी है। देश में शांति और सद्भाव बहाल करने के लिए सरकार को हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

https://gillspaste.com/cz8xdn3mkc?key=545ee4d18b3f25d05423c7fa2452e597

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Visual Stories

Popular

More like this
Related

रामपुर: जनपद के 12 ग्रामों में जल्द शुरू होंगी चकबंदी की प्रक्रियाएं

रामपुर: उत्तर प्रदेश सरकार ने जनपद रामपुर के 12...

ईरान इसराइल संघर्ष: तीसरे विश्व युद्ध का खतरा

मिडिल ईस्ट एक बार फिर से  खूनी जंग की...

ईरान का इजरायल पर हमला, इजरायल के महत्वपूर्ण अड्डे बने निशाना

ईरान ने इस्राइल पर हमला कर दिया है, जो...
Open chat
आप भी हमें अपने आर्टिकल या ख़बरें भेज सकते हैं। अगर आप globaltoday.in पर विज्ञापन देना चाहते हैं तो हमसे सम्पर्क करें.