Ratan Tata Death: टाटा ग्रुप के चेयरमैन, उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार (09 अक्टूबर) को निधन हो गया है। उन्हें सोमवार को उम्र संबंधी बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उनकी हालत गंभीर होने की खबर सामने आई थी।
बढ़ती उम्र के कारण उन्हें कई तरह की परेशानियां थीं। उन्हें ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट के बाद मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उन्हें गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में ट्रांसफर कर दिया गया था, जहां उनका निधन हो गया।
दो दिन पहले किया था सोशल मीडिया पोस्ट
7 अक्टूबर को एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को ‘अफवाह’ बताकर खारिज कर दिया था और अपने फॉलोअर्स और प्रशंसकों को बताया था कि चिंता की कोई बात नहीं है और वह उम्र संबंधी चिकित्सा स्थितियों के लिए जांच करा रहे हैं।
रतन टाटा की अगुवाई में टाटा समूह ने नई बुलंदियों को छुआ। रतन टाटा ने 1991 में टाटा समूह की चेयरमैन के तौर पर बागडोर संभाली थी। वे 2012 कंपनी के चेयरमैन रहे।
कांग्रेस पार्टी ने रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। कांग्रेस ने कहा है कि पद्मभूषण रतन टाटा भारतीय उद्योग जगत के दिग्गज और एक बहुत बड़े दानवीर थे जिन्होंने देश के कार्पोरेट पटल को नया आयाम दिया। कांग्रेस ने आगे कहा कि रतन टाटा की विश्वसनीयता और काम करने का जुनून आने वाली पीढियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट उन्हें श्रद्धांजलि दी।
महिन्द्रा समूह के प्रमुख उद्योगपति आनंद महिन्द्रा ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है कि रतन टाटा अब नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा है कि आज भारत की अर्थव्यवस्था एक ऊंची छलांग लगाने के ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ी है, तो इसमें रतन टाटा की मेहनत का बड़ा योगदान है। आज उनके मार्गदर्शन की सबसे ज्यादा जरूरत थी। उनके जाने के बाद हम सब की जिम्मेदारी है कि इस मार्ग पर आगे बढ़े।
आनंद महिन्द्रा ने कहा कि रतन टाटा के लिए समृद्धि और सफलता के मायने वैश्विक समुदाय की सेवा करना था।
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