हिन्दुस्तान के राज्य उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का आगाज़ हो चुका है। प्रतियाशी वोट लेने के लिए जहां लोकलुभावन वादे करते नहीं थक रहे वहीं रामपुर के एक गांव के मतदाता वोट देने को ही तैयार नहीं हैं। वे मतदान के बहिष्कार का ऐलान कर रहे है क्योंकि उनके गांव में 375 वोट होने के बावजूद कोई पोलिंग बूथ नहीं और निकटतम पोलिंग बूथ वहां से 7 किलोमीटर दूरी पर है जहां पर बुजुर्ग महिला और पुरुषों को जाने में काफी असुविधा है।
पिछले कई सालों से गाँव के लोग अपने गांव में मतदान के लिए बूथ बनाने की मांग कर रहे हैं लेकिन शासन और प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। थक हार कर इन लोगों ने यह कदम उठाया है और सभी गांव के लोगों ने एक सुर होकर पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया है। इतना ही नहीं उन्होंने साथ ही साथ अब यह भी नारा लगाया है कि “बूथ नहीं तो वोट नहीं। ” उनकी मांग है कि मतदान स्थल उनके गांव में बनाया जाए जिससे हम वोट डाल सकें।
बूथ नहीं तो वोट नहीं
जनपद रामपुर की चमरोआ विधानसभा क्षेत्र के रेहटगंज गांव के लोगों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया है। आपको बता दें रेहटगंज गांव में 375 वोट हैं और इस गांव का मतदान स्थल इनके गांव से 7 किलोमीटर दूर है। 7 किलो मीटर दूर रास्ते में कई गांव पड़ते हैं और रास्ता भी बहुत खराब है।
गाँव के लोग पिछले कई सालों से मतदान स्थल को अपने गांव में बनाने की मांग कर रहे हैं लेकिन इनकी मांग को कोई भी सुनने को तैयार नहीं है। थक हार कर इन्होंने अब वोट का बहिष्कार किया है और मतदान नहीं करने का भी संकल्प लिया है।
जब ग्लोबलटुडे के संवाददाता ने गांव जाकर उनसे चुनाव का बहिष्कार करने की वजह जानी तो उन्होंने अपनी पीड़ा मीडिया के सामने बयान की।
गांव निवासी सुषमा शर्मा ने बताया,”हमारे गांव के अंदर हम जब वोट डालने जाते हैं तो हमें 7 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है प्रधानी के चुनाव के लिए और जब विधानसभा का चुनाव आता है तो हमारे पास में ही वोट पड़ते हैं। गांव की महिलाओं को और बच्चों को दूर जाने में काफी परेशानी होती है….हम यह चाहते हैं कि हमारे गांव का बूथ हमारे गांव में ही बने बूथ, नहीं बना तो हम अपने वोट का बहिष्कार करेंगे… हम वोट डालने नहीं जाएंगे। हम लोग सन 2010 से अधिकारी के पास जा रहे हैं लेकिन हमारी कोई सुनता नहीं है।”
वहीं गांव की सरोज का कहना है,”हम अपने गांव में बूथ बनवाने की वजह से वोट का बहिष्कार कर रहे हैं…यहां से 7 किलोमीटर दूर बूथ है लालपुर पट्टी गाँव में। जब विधानसभा का चुनाव होता है तो नजदीक में बूथ बनवा देते हैं और जब प्रधानी का होता है तो 7 किलोमीटर दूर बनाया जाता है।
गांव के बुजुर्ग खेमकरण ने बताया,”हम लालपुर पट्टी 7 किलोमीटर दूर जाते हैं वोट डालने के लिए… हम से चला नहीं जाता है कीचड़ पानी में…बूथ बहुत दूर बना हुआ है। हमारे यहां से कोई वोट डालने नहीं जाएगा क्योंकि हमारा बूथ बहुत दूर है….हमारे यहां बूथ आ जाएगा तो सब लोग वोट डालने जायेंगे। चौमासा में तो बहुत परेशानी पड़ती है… कीचड़ होती है, पानी होता है, सड़कों पर कच्चा रास्ता है…इसी वजह से परेशानी पड़ती है।
गांव निवासी बबीता ने भी कहा,”हमें वोट डालने के लिए चार पांच गांव छोड़कर 7 किलोमीटर दूर लालपुर पट्टी कुंदन जाना पड़ता है… हम महिला हैं, हमारे गोद में बच्चे होते हैं और हम पैदल जा नही सकते और अगर सवारी से जाते हैं तो पुलिस रोकती है.. डंडे मार कर भगाती है.. इसलिए हम चाहते हैं कि बूथ हमारे गांव में ही बनना चाहिए। सन 2010 से हम अपने गांव में बूथ बनवाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। हम वोट का बहिष्कार करेंगे, बूथ नहीं बनेगा तो हम वोट डालने नहीं जाएंगे… हमें बहुत परेशानी होती है।
जब इस गांव की समस्या के बारे में हमने अपर जिलाधिकारी जेपी गुप्ता से बात की तो उन्होंने बताया,”आज एक बात सामने आई है… हमारा जो 127 नंबर का केंद्र है लालपुर पट्टी जिसमें हमारे दो बूथ हैं 296 नंबर 297 नंबर, उसका सिर्फ पार्ट है उसका रेहटगंज का…हमारे उप जिलाधिकारी हैं…उनको निर्देशित किया है कल जा कर के वहां के लोगों से बात भी करेंगे। जानकारी दी गई है ऐसा नहीं है कि सभी लोग वोट का बहिष्कार कर रहे हैं…पहले से ही यहाँ बूथ बने हुए हैं…वहां पर वोटिंग होती रही है। गांव से मतदान स्थल की दूरी साढे तीन चार किलोमीटर है। कल हमारे एसडीएम जाकर के चेक करेंगे लालपुर पट्टी का केंद्र पहले से ही है और वहीं पर शुरू से वोट पड़ते चले आ रहे हैं और नया केंद्र अभी बनाया नहीं जा सकता है।
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