सपा नेता मो. आज़म खान विधानसभा रद्द होने वाले केस की सुनवाई बुधवार को एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) में हुई। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने आजम खां को नफरती भाषण देने के आरोप से मुक्त कर दिया है।
वरिष्ठ नेता मो. आजम खां को एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) ने बड़ी राहत पहुंचाई है। कोर्ट ने उनको नफरती भाषण देने के आरोप से बरी कर दिया है। इस मामले में एमपी-एमएलए (मजिस्ट्रेट ट्रायल) की कोर्ट ने 27 अक्तूबर 2022 को आजम खां को तीन साल सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी।
मजिस्ट्रेट ट्रायल के कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया
इस सजा के खिलाफ आजम खां ने सेशन कोर्ट में अपील की थी। बुधवार को मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) में हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आजम खां को नफरती भाषण देने के आरोप से मुक्त कर दिया है। कोर्ट ने मजिस्ट्रेट ट्रायल के कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया। कोर्ट ने इस मामले में 70 पेज में अपना फैसला सुनाया है।
क्या बहाल होगी विधायकी?
सेशन कोर्ट के फैसले से आजम खां को बड़ी राहत तो मिली है, लेकिन उनकी विधायकी बहाल होने पर अभी संदेह है। क्योंकि छजलैट प्रकरण के मुकदमे में भी मुरादाबाद की कोर्ट ने आजम खां और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम को दो-दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद अब्दुल्ला आजम खां की विधायकी चली गई थी। ऐसे में उनकी विधायकी बहाल नहीं हो सकती है।
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