समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और जनपद रामपुर से विधायक आजम खान(Azam KHan) की जौहर यूनिवर्सिटी पर मंडरा रहे तलाशी के बादल फिलहाल छंट गए हैं।
दरअसल, कोर्ट में रामपुर पुलिस(Rampur Police) ने जौहर यूनिवर्सिटी की तलाशी के लिए वॉरंट मांगा था, जिसपर बहस चल रही थी। तलाशी के लिए सर्च वॉरंट हासिल करने के लिए पुलिस ने अपनी दलीलें भी रखीं, जिनका अदालत में आजम खान के वकीलों ने जमकर विरोध किया।
अब अदालत ने पुलिस और एडीएम की रिपोर्ट में भिन्नता होने के कारण यूनिवर्सिटी में तलाशी अभियान के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है।
बतादें कि कोर्ट ने इस मामले में एडीएम को हुक्म दिया था कि वह इस मामले की रिपोर्ट पेश करें कि यूनिवर्सिटी में किन-किन जगहों के लिए सर्च वॉरंट चाहिए। कोर्ट के आदेश के बाद एडीएम सोमवार को राजस्व विभाग की टीम और पुलिस के साथ जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचे थे और उन्होंने अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश कर दी थी।
बुधवार को इस मामले की सुनवाई के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने सर्च वॉरंट पर अपना फैसला सुनाया।फैसले में कोर्ट ने पुलिस के प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस और मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट में भिन्नता है जिसकी वजह से पुलिस की ओर से सर्च वॉरंट के लिए दिए गए प्रार्थना पत्र को निरस्त किया जाता है।
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