26/11 मुंबई आतंकी हमलों का आरोपी तहव्वुर राणा को लेकर अमेरिका से भारत के लिए स्पेशल विमान रवाना हो चूका है। अमेरिका की ओर से प्रत्यर्पण संधि के तहत सौंपे जाने के बाद भारतीय एजेंसी एनआईए (NIA) की एक टीम तहव्वुर राणा को विशेष विमान से भारत लाने के लिए उड़ान भर चुकी है। ये विमान बीच में एक अज्ञात जगह पर कुछ देर के लिए ठहरेगा और फिर जब वो उड़ान भरेगा तो आज देर रात या कल सुबह तड़के मुंबई हमले का गुनहगार तहव्वुर राणा भारत पहुंच चुका होगा।
तहव्वुर हुसैन राणा एक पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, जिसका जन्म 12 जनवरी 1961 को पाकिस्तान के चिचावतनी में हुआ था। वह 26/11 मुंबई आतंकी हमलों (26 नवंबर 2008) के प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक माना जाता है, जिसमें 166 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हुए थे। इस हमले को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर अंजाम दिया था।
पृष्ठभूमि:
- शिक्षा और करियर: राणा ने पाकिस्तान के आर्मी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई की और करीब 10 साल तक पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के रूप में काम किया। बाद में उसने नौकरी छोड़ दी और कनाडा चला गया, जहां उसे नागरिकता मिली। इसके बाद उसने शिकागो में “फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज” नाम से एक कंपनी शुरू की।
- डेविड हेडली से संबंध: राणा का बचपन का दोस्त डेविड कोलमैन हेडली (जन्म नाम: दाऊद सईद गिलानी) भी मुंबई हमलों का मुख्य साजिशकर्ता था। राणा ने हेडली को भारत में रेकी करने और हमले की योजना बनाने में मदद की। उसने अपनी कंपनी का इस्तेमाल हेडली के लिए कवर प्रदान करने के लिए किया, ताकि वह भारत में बिना संदेह के घूम सके।
मुंबई हमलों में भूमिका:
- राणा ने 11 से 21 नवंबर 2008 तक मुंबई का दौरा किया था और पवई के रेनेसां होटल में ठहरा था। यह यात्रा हमले से ठीक पहले की थी, जिसे रेकी का हिस्सा माना जाता है।
- उसने हेडली को भारतीय टूरिस्ट वीजा दिलाने में सहायता की और हमले के लक्ष्यों को चुनने में मदद की।
- हमले के बाद, राणा ने मारे गए आतंकियों को पाकिस्तान का सर्वोच्च सैन्य सम्मान देने की वकालत की थी।
कानूनी स्थिति:
- गिरफ्तारी: अक्टूबर 2009 में, राणा और हेडली को अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने शिकागो हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया। उन पर डेनमार्क के एक अखबार पर हमले की साजिश का भी आरोप था।
- सजा: 2013 में, अमेरिकी अदालत ने राणा को 14 साल की सजा सुनाई, जो उसने 2023 में पूरी कर ली। इसके बाद वह लॉस एंजिल्स के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में हिरासत में था।
- प्रत्यर्पण: भारत लंबे समय से राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2025 में उसकी याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने भारत प्रत्यर्पण पर रोक की मांग की थी। सूत्रों के अनुसार, 9 अप्रैल 2025 तक वह भारतीय अधिकारियों की हिरासत में आ चुका है और जल्द ही भारत लाया जा सकता है।
भारत में क्या होगा:
- राणा को भारत लाने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) उससे पूछताछ करेगी। उसे दिल्ली या मुंबई की जेल में रखा जा सकता है, जहां विशेष इंतजाम किए गए हैं।
- भारत में उस पर मुकदमा चलेगा, और संभवतः उसे गंभीर सजा, जैसे फांसी, का सामना करना पड़ सकता है।
राणा का प्रत्यर्पण भारत की कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी, एनएसए अजित डोभाल, और विदेश मंत्रालय की बड़ी भूमिका रही है।
सूत्र : Grok
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