मुंबई: ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ के राष्ट्रीय प्रवक्ता इरफान जामियावाला अंसारी ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि सदियों से पसमांदा मुस्लिम समुदाय, जो देश की जनसंख्या का 18% है, उपेक्षित रहा है, लेकिन अब जेपीसी ने इस महाज़ को वक्फ़ संशोधन विधेयक-2024 पर अपनी राय देने के लिए आमंत्रित किया है। इसके लिए उन्होंने समिति और सरकार को धन्यवाद दिया।
यह महत्वपूर्ण बैठक 19 सितंबर 2024 को सुबह 11 बजे दिल्ली में आयोजित की जाएगी। महाज़ के राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज़ हनीफ और कार्यकारिणी अध्यक्ष मोहम्मद यूनुस ने भी समिति के इस कदम के लिए आभार जताया है।
इरफान जामियावाला ने बताया कि महाज़ के कुछ साथियों ने इस सफलता के लिए कड़ी मेहनत की है, जिससे इस समुदाय की आवाज़ को सुना गया है। इसके साथ ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को भी अलग से अपनी राय देने के लिए बुलाया गया है, जिसे महाज़ की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। जामियावाला ने कहा कि यह सामूहिक प्रयासों का परिणाम है और इसके लिए सभी पसमांदा समुदाय के भाइयों और बहनों को मुबारकबाद दी जानी चाहिए, चाहे वे किसी भी पसमांदा संगठन से जुड़े हों।
इरफान जामियावाला ने आगे कहा कि पसमांदा समुदाय की वक्फ़ बोर्ड में उचित हिस्सेदारी और सुधार के लिए वह लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे। उनके राजनीतिक और सामाजिक कार्यों का केंद्र जामिया रहा है, जिसके चलते उन्हें कुछ आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा। लेकिन 32 साल की अथक मेहनत के बाद, अब सरकार और जेपीसी के सदस्य यह समझ चुके हैं कि पसमांदा आंदोलन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अगर इस समुदाय को राजनीतिक और सामाजिक संस्थाओं से नहीं जोड़ा गया, तो इससे देश को नुकसान हो सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ़ बोर्ड में हिस्सेदारी सुनिश्चित होने के बाद, पसमांदा महाज़ संविधान की धारा 341/3 पर भी चर्चा करेगा, और पसमांदा मुस्लिमों के लिए अनुसूचित जाति (एससी) आरक्षण दिलाने की दिशा में कदम उठाएगा।
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