उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव चरम सीमा पर हैं और इस चुनाव में अपनी अपनी किस्मतों को आज़मा रहे प्रत्याशी चुनाव जीतने के लिए हर तरह की जुगत लगा रहे हैं। कुछ इसी तरह की एक जुगत लगाने का मामला रामपुर में सामने आया है जहां डाटा फीडिंग का काम करने वाले एक संस्था के दो कर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
जनपद रामपुर मैं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रथम चरण में संपन्न होना है जिसके लिए 15 अप्रैल को वोटिंग होनी है। इन पंचायत चुनाव में पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्य की कुर्सियों पर काबिज होने के लिए प्रत्याशी अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराकर चुनाव जीतने के लिए जुगत लगाने से नहीं चूक रहे हैं। कुछ जगहों पर डाटा फीडिंग का काम कर रहे कर्मियों से सांठगांठ करने की चर्चाएं भी होती रही हैं। लेकिन अब यह चर्चाएं हकीकत बन कर लोगों के सामने भी आ गई हैं।
रामपुर के स्वार तहसील में डाटा फीडिंग का काम एक संस्था को दिया गया है जिसमें वोटर लिस्ट से लेकर कई तरह के सरकारी कार्यों का लेखा-जोखा संभाल कर रखा जाता है। लेकिन यहां तैनात संस्था के प्रबंधक व एक कर्मी का काला कारनामा उजागर हुआ है जिसमें इन कर्मियों द्वारा अनुचित लाभ लेते हुए मतदाताओं के वोट घटाए गए हैं। इसकी भनक लगते ही तहसील प्रशासन द्वारा दोनों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
अपर पुलिस अधीक्षक संसार सिंह के मुताबिक रजिस्ट्रार कानूनगो तहसील स्वार द्वारा एक तहरीर दी गई है जिसमें उन्होंने लिखा है कि आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में एक संस्था के द्वारा फीडिंग का कार्य सौंपा गया था। उस संस्था के दो कर्मियों द्वारा फर्जी तरीके से अनुचित लाभ अर्जित करने के लिए कुछ गांव वासियों के वोटर लिस्ट से नाम काट दिए गए हैं। इस संबंध में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है और संस्था के दोनों कर्मचारियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है और विधिक कार्यवाही की जा रही है।
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