यह एक ऐसा समूह जिसमें 19 देश हैं और 20वां यूरोपीय संघ है। साल में एक बार जी-20 शिखर सम्मेलन होता है, जिसमें राज्यों के सरकार प्रमुखों के साथ उन देशों के केंद्रीय बैंक के गवर्नर भी शामिल होते हैं। सम्मेलन में मुख्य रूप से आर्थिक मामलों पर चर्चा होती है।
जी-20 समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। ये सभी सदस्य मिल कर दुनिया की जीडीपी का 85 फीसदी हिस्सा बनाते हैं। इसके अलावा इन देशों का वैश्विक व्यापार में हिस्सा भी अस्सी फीसदी है और दुनिया की दो तिहाई आबादी यहीं रहती है।
जी-20 को दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों के समूह जी-7 के विस्तार के रूप में देखा जाता है। जी-7 में फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा हैं। 1998 में इस समूह में रूस में भी जुड़ गया और यह जी-7 से जी-8 बन गया। यूक्रेन के क्रीमिया इलाके को अपने साथ मिलाने के कारण रूस को 2014 में इस समूह से अलग कर दिया गया और एक बार फिर से जी-7 बन गया।
1999 में जर्मनी के कोलोन में जी-8 देशों की बैठक हुई, इसमें एशिया के आर्थिक संकट पर चर्चा हुई। इसके बाद दुनिया के बीस शक्तिशाली अर्थव्यवस्था वाले देशों को एक मंच पर लाने का फैसला किया गया। दिसंबर 1999 में बर्लिन में पहली बार जी-20 समूह के लिए बैठक हुई। आगे चलकर जी-8 को राजनीतिक और जी-20 को आर्थिक मंच के रूप में पहचान दी गई।
- वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने के लिए व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण औद्योगिक और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाना।
- वैश्विक आर्थिक स्थिरता और सतत विकास के लिए सदस्य देशों के बीच नीति समन्वय बनाए रखना।
- ऐसे वित्तीय नियमों को बढ़ावा देना, जो जोखिम को कम करते हैं और भविष्य के वित्तीय संकटों को रोकना।
इस सम्मेलन में सभी देशों के मुख्य विषय यानी अतंकबाद , आर्थिक परेशानी, ग्लोबल वार्मिंग , स्वस्थ और भी जरूरी मुद्दों पर चर्चा की जाती है।
1977 में एक वित्तीय संकट आया था उस संकट को ध्यान में रखते हुए ,दुनिया की जो प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं थी ,उनको इसका विचार आया कि एक समूह बनना चाहिए और उसके बाद वर्ष 1999 में जी 20 समूह की स्थापना की गई । ये स्थापना 7 देशों ने मिलकर की – अमेरिका , कनाडा, ब्रिटेन , जर्मनी , जापान,फ्रांस और इटली के विदेश मंत्रियों द्वारा की गई थी । और इसका मुख्य उद्देश्य था वित्तीय व्यवस्था , आर्थिक स्थिति में सुधार लाना।
इसकी स्थापना 25 सितंबर 1999 में अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में की गई थी। इसका पहला सम्मेलन 2008 में वॉशिंगटन, यूएस में आयोजित हुआ। तभी से हार वर्ष ये सम्मेलन आयोजित होने लगा और हर वर्ष ये सम्मेलन अलग अलग देशों में आयोजित किया जाता है ।
- वॉशिंगटन, यूएसए – 2008
2) लंदन, यूके – 2009
3) पिट्सबर्ग, यूएसए – 2009
4) टोरंटो, कनाडा – 2010
5) सियोल, दक्षिण कोरिया – 2010
6) काँस, फ्रांस – 2011
7) लॉस काबोस, मैक्सिको – 2012
8) सेंट पीटरबर्ग , रशिया – 2013
9) ब्रिसबेन, ऑस्ट्रेलिया – 2014
10) अंताल्या, तुर्की – 2015
11) हांगझोऊ , चीन – 2016
12) हैमबर्ग, जर्मनी – 2014
13) ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना – 2018
14) ओसाका, जापान – 2019
15) रियाद, साऊदी अरब – 2020
2021 में इटली
2022 में ये समिट भारत में होगी
जी-20 का कोई स्थायी मुख्यालय नहीं है और सचिवालय प्रत्येक वर्ष समूह की मेज़बानी करने वाले या अध्यक्षता करने वाले देशों के बीच रोटेट होता है।
भारत के लिये G-20 की चुनौतियांँ ध्रुवीकृत अंतर्राष्ट्रीय सदस्य देशों के साथ कुशलतापूर्वक अगले नवंबर में आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन की मेज़बानी के साथ उत्पन्न होंगी।
- नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत को G-20 शेरपा और पूर्व विदेश सचिव हर्ष शृंगला को G-20 का समन्वयक नियुक्त किया गया है।
कौन–कौन देश हैं G-20 के सदस्य?
वर्तमान में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और यूरोपियन यूनियन जी-20 के सदस्य हैं. इसके अलावा स्पेन इस गुट का स्थायी मेहमान सदस्य है. हर साल होने वाले जी-20 सम्मेलन के लिए एक देश को अध्यक्ष चुना जाता है और वही देश बाकी सदस्यों को आमंत्रित करता है. इस साल जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता इंडोनेशिया कर रहा है
By: ABP Live | Updated at : 13 Sep 2022 03:36 PM (IST)
भारत 8 से 10 सितंबर 2023 के बीच नई दिल्ली (New Delhi) में जी20 लीडर्स समिट (G20 Leaders Summit) की मेजबानी करेगा. 1 दिसंबर 2022 से लेकर 30 नवंबर 2023 तक जी20 की अध्यक्षता भारत के अंतर्गत होगी. इस अध्यक्षता के दौरान भारत में 200 से अधिक जी20 बैठकों की मेजबानी करने की उम्मीद है. भारत के विदेश मंत्रालय ने इस बारे में बयान जारी किया है
शेरपा जी-20 सदस्य देशों के नेताओं का प्रतिनिधि होता है जो सम्मेलन के एजेंडे के बीच समन्वय बनाता है।
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