गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान महाविद्यालय में परिवार संसाधन प्रबंध विभाग के चतुर्थ वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा संचार संप्रेषण क्षमता (कम्युनिकेशन स्किल्स) विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि डॉ आर. एस. जादौन, अधिष्ठाता, कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय रहे।
कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कार्यशाला आयोजक डॉ छाया शुक्ला ने कहा कि सर्वविदित है कि समाज मनुष्य के रहन-सहन की संभावनाओं और मिल-जुल कर सामान्य रुचि के काम करने पर आधारित है जिसे सहयोग कहते हैं लेकिन बिना संचार सहयोग संभव नहीं है। संचार के द्वारा मनुष्य ज्ञान, सूचना और अनुभव को आपस में बांटता है। निःसंदेह संचार व्यक्ति के मध्य दो तरफा प्रक्रिया है। यह एक मूलभूत वैयक्तिक और सामाजिक आवश्यकता और सार्वभौमिक मानवाधिकार है। संचार के बिना जीवन अर्थहीन, नीरस और उद्देश्य हीन है। शिक्षा के संबंध में कहा जाए तो संचार एवं संप्रेषण के अभाव में शिक्षा प्रक्रिया अपने पूर्णता को प्राप्त नहीं कर सकती। इस कार्यशाला के माध्यम से एक ओर विद्यार्थियों में कार्यशाला आयोजन की व्यवहारिक क्षमता का विकास होगा वहीं दूसरी ओर संचार कौशल के महत्वपूर्ण आयामों से उनका परिचय कराया जा सकेगा।
कार्यशाला की विषय विशेषज्ञ डॉ वी एल वी कामेश्वरी, प्राध्यापक, कृषि संचार विभाग, कृषि महाविद्यालय ने विद्यार्थियों को जीवन के प्रत्येक चरण में संचार एवं संप्रेषण कौशल के महत्व को समझाया। स्वयं की संप्रेषण क्षमता मूल्यांकन की प्रायोगिक क्रियाकलापों का व्यवहारिक ज्ञान प्रदान करते हुए उन्होंने बताया कि संप्रेषण क्षमता एक कौशल है जिससे निरंतर अभ्यास के द्वारा विकसित किया जा सकता है।
इस अवसर पर विद्यार्थियों को अपने अध्यक्षीय भाषण में संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ आर एस जादौन ने कार्यशाला विषय को विद्यार्थी जीवन हेतु महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह कार्यशाला नई शिक्षा नीति 2022 के उद्देश्यों के सापेक्ष एक प्रशंसनीय कदम है। उत्कृष्ट ज्ञान सशक्त संप्रेषण क्षमता के साथ मिलकर संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास करता है और कृतित्व को निखारता है। गृह विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठात्री डॉ अलका गोयल ने विद्यार्थियों को उनके आगामी जीवन हेतु आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि विद्यार्थी जीवन में ज्ञान प्राप्ति के साथ-साथ अभिव्यक्ति कौशल विकास अत्यंत आवश्यक है।
इस कार्यशाला में 50 विद्यार्थियों के साथ साथ विभागाध्यक्ष डॉ सीमा क्वात्रा, मिस्टर अभीक खस्तगीर, डॉ सुनीता शर्मा, डॉ दिव्या सिंह एवं डॉ संध्या रानी ने भी उपस्थित रहकर सक्रिय प्रतिभाग किया।