हिन्दुस्तान के प्रमुख इस्लामिक स्कॉलर डॉक्टर ज़ाकिर नाइक(Zakir Naik) ने मलेशिया में एक तक़रीर के दौरान बोले गए विवादास्पद शब्दों के लिए माफी मांगी है, लेकिन फिर भी 7 राज्यों ने उनकी सार्वजनिक जगहों तक़रीर करने पर पाबंदी लग गयी ही।
ग्लोबलटुडे/वेबडेस्क: हिन्दुस्तान में राजद्रोह और मनीलांड्रिंग के केस में फंसे मशहूर स्लामिक स्कॉलर डॉ ज़ाकिर नाइक पिछले 3 सालों से मलेशिया में रह रहे हैं और उनको वहां की नागरिकता भी मिली हुई है।
मलेशिया में दी गयी एक तक़रीर की वजह से डॉ ज़ाकिर नाइक को वहां भी आलोचना का सामना करना पड़ा है। डॉ ज़ाकिर ने अपनी तक़रीर में कहा था कि मलेशिया में रह रहे हिन्दुओं को भारत में रह रहे मुसलमानों से 100 गुना ज़्यादा अधिकार हैं और मलेशिया में रह रहे चीनी वहां मेहमान थे।
डॉ नाइक की इस तक़रीर को लेकर मलेशिया की पुलिस ने उनसे क़रीब 10 घंटे तक पूछताछ की।
गौरतलब है कि मलेशिया की 3 करोड़ 20 लाख आबादी में 60 प्रतिशत माले क़ौम के मुसलमान हैं जबकि 40 प्रतिशत अन्य धर्मों के लोग बस्ते हैं।
ज़ाकिर नाइक ने अपनी तक़रीर के लिए माफ़ी मांगते हुए कहा है कि उनके शब्दों को ग़लत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि मेरा काम दुनिया में अमन का पैग़ाम देना है लेकिन फिर भी अगर किसी को उनके शब्दों से ठेस पहुंची है तो वो उसके लिए माफ़ी मांगते हैं।
मंगलवार को एक बयां जारी कर जाकिर नाइक ने कहा कि उनका किसी इंसान या समुदाय को तकलीफ पहुंचाने का इरादा नहीं है। “यह इस्लाम के बुनियादी उसूलों के खिलाफ है और मैं इस गलतफहमी के लिए ईमानदारी से माफी मांगता हूं।”
बतादें कि डॉ जाकिर नाइक अब मलेशिया के स्थायी नागरिक हैं और यहाँ के कई मंत्रियों ने मांग की है कि उन्हें उनकी विवादास्पद तक़रीर पर देश से बाहर निकाल दिया जाए। मलेशिया के 7 राज्यों ने उनकी सार्वजनिक जगहों पर उनकी तक़रीरों पर पाबंदी लगा दी है।
गौरतलब है कि मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने रविवार को अपने एक बयान में कहा था कि डॉ जाकिर नाइक इस्लाम की दावत देने के लिए आज़ाद हैं लेकिन उनको मलेशिया के आंतरिक मामलों में बात नहीं करनी चाहिए।
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