सोमवार , 5 अप्रैल को जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (JIBS) के प्रधान निदेशक डॉ संजीव पी साहनी ने लखनऊ में जाने माने शिक्षकों और मनोवैज्ञानिकों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर डॉ साहनी ने इस बात पर जोर दिया कि मनोविज्ञान कैसे किसी एक व्यक्ति और समाज के बीच संबंधों को समझने में मदद कर सकता है।
सेमिनार को संबोधित करते हुए, डॉ साहनी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हमारे जीवन में किस प्रकार मनोविज्ञान विभिन्न रूपों में गुँथा हुआ है। “यह एक ऐसा विज्ञान है जो हमारे और बाहर की दुनिया के बीच व्यक्तिगत, सामाजिक और पर्यावरणीय अंतःक्रिया का अवलोकन करने में मदद कर सकता है। डॉ साहनी ने आगे कहा कि इस क्षेत्र की विविधता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह व्यक्तिगत ,युगल , परिवार और समुदाय से लेकर अस्पताल, स्कूल, मानसिक स्वास्थ्य संगठन, व्यवसाय और गैर-लाभकारी संगठन जैसे सभी संस्थानों का अध्ययन करता है “। उन्होंने कहा, ” मनोविज्ञान को केवल संज्ञानात्मक उपचार का विज्ञान समझने की बजाय इसे ज्ञान के एक क्षेत्र के रूप में देखा जाना चाहिए जो शिक्षा, व्यवसाय और आपराधिक व्यवस्था और क़ानून के क्षेत्रों में व्यावहारिक मनोविज्ञान का इस्तेमाल कर हमारे जीवन को बेहतर बनाने में मदद करता है।”
इसी क्रम में बोलते हुए डॉ. साहनी ने बताया कि इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए जिंदल स्कूल ऑफ साइकोलॉजी ऐंड काउंसलिंग की स्थापना की गयी है जो ओ पी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के अंदर एक भविष्योन्मुखी तथा शोध आधारित स्कूल है और जिसका उद्देश्य विज्ञान और काउंसलिंग के क्षेत्र में विचारों का नेतृत्व करने वाली एक नयी पीढ़ी का निर्माण करना है।
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