प्राइवेट नर्सिंग होम में ऑपरेशन के दौरान जच्चा और बच्चा दोनों की मौत, परिजनों का हंगामा

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ग्लोबलटुडे, 05 अक्तूबर-2019
रामपुर से सऊद खान की रिपोर्ट

रामपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग के लापरवाही के चलते झोलाछाप डॉक्टरों का कारोबार धड़ल्ले से फलफूल रहा है। यहाँ प्राइवेट अस्पतालों में लगातार अवैध रुप से मरीजों से मोटी रकम लेकर डिलीवरी कराई जा रही है।

प्राइवेट अस्पताल अनट्रेंड युवतियों(तथाकथित नर्स) को भी अपने साथ लेकर उनकी प्रेक्टिस करा रहे हैं। यही कारण है के आये दिन प्रसूताओं की मौत की खबर जिले में एक आम चलन सा हो गई है।

अधिकारी भी मामला संज्ञान में आने के बाद कार्यवाही तो करते है पर कुछ समय बाद ही सांठ-गांठ होने के बाद फिर किसी नई जान को अपना शिकार बनाने के लिए इन अस्पतालों के झोलाछाप डॉक्टरों को छोड़ दिया जाता है।

ताजा मामला मिलक कोतवाली क्षेत्र के एक प्राइवेट हॉस्पिटल से सामने आया है जहां ग्राम भोजीपुरा निवासी प्रदीप कुमार की पत्नी रजनी को गुरुवार की शाम प्रसव पीड़ा हुई।

परिजन और पति प्रदीप अपनी पत्नी रजनी को लेकर गांव की आशा के साथ रजपुरा स्थित सरकारी अस्पताल गए जहाँ रात भर रजनी को भर्ती किये जाने के बाद डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया।

लेकिन, गांव की आशा ने उन्हें वहां ले जाने से रोक दिया। आशा ने उन्हें झांसा देकर कहा के नगर के एक प्राइवेट नर्सिंग होम में उसकी अच्छी खासी जान पहचान है और कम पैसों में अच्छा इलाज भी होता है, वहां पर कम पैसों में रजनी की नॉर्मल डिलीवरी हो जाएगी।

आशा की बातों में आकर रजनी को शुक्रवार की सुबह ग्यारह बजे नगर के नवादिया चौराहे पर स्थित एक प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती करवा दिया गया। यहाँ ऑपरेशन के दौरान जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई।

इसके बाद मृतका के परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा काटा। मौके पर पहुँची पुलिस ने मृतका के परिजनों को अस्पताल कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही का आश्वासन देते हुए मामला शान्त कराया।

वहीं परिजनों ने अस्पताल पर जानबूझकर महिला को भर्ती रखने और रेफर न करने और गांव की आशा के द्वारा जानबूझकर प्रसूता को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करने का आरोप लगाया है।

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