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रामपुर में हुए ईद मिलन समाहरोह में दिखाई दी देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब की झलक

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कार्यक्रम में सभी धर्मों के लोगों ने मिलकर आतंकवाद के विरोध की पुरजोर अपील की, कहा धर्म बिगाड़ की नहीं बल्कि बनाव की बात करता है

रामपुर/शावेज़ खान: एक ओर जहां राजनीति ने लोगों के दिलों में दरारें पैदा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे मानवतावादी भी हैं जो कि हर कीमत पर दिलों को जोड़े रखना चाहते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा रामपुर में वर्ल्ड आग्रेनाईजेशन ऑफ रिलीजंस एंड नॉलेज(WORK) के ईद मिलन कार्यक्रम में देखने को मिला। जहां पर सभी धर्मों को मानने वालों का एक सामूहिक उत्सव आयोजित किया गया था। इस दौरान वैश्विक समस्या आतंकवाद व आतंकवादियों की घोर भर्त्सना भी की गई और इसके पुरजोर विरोध करने की अपील भी की गई।

वर्क (वर्ल्ड आग्रेनाईजेशन ऑफ रिलीजंस एंड नॉलेज) की ओर से हर साल की तरह इस बार भी ईद मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख व ईसाई सभी धर्मों के लोगों ने शिरकत की।

इस दौरान अपने मुख्य संबोधन में इस्लामिक स्कॉलर सै0 अब्दुल्ला तारिक ने कहा कि ईद का मतलब खुशी से होता है। रमजान के तीस रोजे और इबादत के बदले में यह अल्लाह की ओर से अपने बंदों के लिए एक तोहफा है। यह लोगों को प्यार मुहब्बत का पैगाम देता है। इस महीने के आखिरी अशरे यानी आखिरी दस दिनों में पवित्र कुरआन का नुजूल(अवतरित) पूरा हुआ इसकी खुशी में ईद मनाई जाती है।

क़ुरआन को समझने वाला कभी आतंकी नहीं हो सकता

उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनियां में कुरआन के पैगाम को आम करने की जरूरत है। कुरआन के पैगाम को सही तरह से न समझने और इसके पैगाम को आम न करने के कारण ही आतंकवाद जैसी समस्याएं पैदा हो रहीं हैं। अगर इन्होने कुरआन को समझा होता चाहे वह किसी भी धर्म या सम्प्रदाय के मानने वाले होते तो वह कभी आतंकवाद के रास्ते पर नहीं चलते। जो चल रहे हैं इसका मतलब यह है कि उन्होंने कुरआन के पैगाम को सही तरह से समझा ही नहीं है।

क़ुरआन का संबंध किसी एक समुदाय से नहीं

उन्होंने कहा कि एक यह गलतफहमी भी अपने दिलो दिमाग से दूर करने की जरूरत है कि कुरआन का संबंध किसी एक विशेष सम्प्रदाय से है। कुरआन पूरी मानवता के लिए है।

विश्व शांति के लिए यह जरूरी है कि आतंकवाद के सभी घटकों का चाहे वह किसी भी सम्प्रदाय से जुडें हों उनका विरोध किया जाए।

मुस्लिम समुदाय की एक बड़ी गलती यहां हुई कि उसने इसे सिर्फ अपने तक सीमित कर लिया। अगर इसके पैगाम को आम किया गया होता तो आज जो हालात हैं वो शायद नहीं होते।

कोई भी धर्म बिगाड़ का संदेश नहीं देता

अंत में सै0 अब्दुल्ला तारिक ने कहा कि कोई भी धर्म बिगाड़ का संदेश नहीं देता बल्कि बनाव की बात करता है। उन्होंने सभी को ईद की मुबारकबाद दी और आपस में प्यार मुहब्बत से रहने की अपील की।
इस ईद मिलन के अवसर पर धनंजय पाठक ने कहा कि हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि वह आतंकवाद की पुरजोर मुखालफत करें। इसमें धर्म और पंथ का अंतर न करें।

सै0 अब्दुल्ला तारिक
सै0 अब्दुल्ला तारिक

समस्या तभी विकराल होती है जब हम दूसरे की गलती को गलती और अपने की गलती को गलती नहीं मानते। उन्होंने ईद मिलन कार्यक्रम के लिए वर्क के पदाधिकारियों को बधाई दी और सामाजिक समरसता के लिए ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन को वक्त की जरूरत बताया।
एक रोज़ा ऐसा भी !
वीर खालसा सेवा समिति के अध्यक्ष सरदार अवतार सिंह ने इस ईद मिलन के अवसर पर कहा कि ईद का पर्व हमें आपसी सौहार्द का संदेश देता है। सभी को चाहिए कि वह ईद के पर्व के संदेश को समझें और आपसी भाईचारा बनाए रखने में अपना अपना योगदान दें।
एक बुज़ुर्ग से मुलाक़ात और अच्छी सेहत का राज़….
ईद मिलन कार्यक्रम में शामिल हुए भाजपा जिलाध्यक्ष मोहन लाल सैनी ने कहा कि वर्क की ओर उठाया गया यह एक सराहनीय कदम है। समाज में एकता व आपसी भाईचारे के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों की बेहद जरूरत है। उन्होंने इस दौरान रामपुर की गंगा जमुनी तहजीब का भी जिक्र किया। साथ ही कहा कि उनकी कामना है कि ईद का पर्व सभी के जीवन में खुशहाली, तरक्की व अमन लेकर आए।

रामपुर में हुए ईद मिलन समाहरोह में दिखाई दी देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब की झलक
रामपुर में हुए ईद मिलन समाहरोह में दिखाई दी देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब की झलक

ईद मिलन कार्यक्रम में भावाधस के भीम अनार्य, हामिद रजा खां, एसएम लाल, अजहर इनायती, हाजी मुस्लिम, मुनन खां बब्लू खां व अनुज अग्रवाल के अलावा वर्क के सभी वालंटियर तथा भारी तादात में सभी धर्माें के पुरूष व महिलाएं मौजूद रहीं।

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