रामपुर/उत्तर प्रदेश[फ़राज़ कलीम]: रामपुर में सीआरपीएफ केंपस में हुए आतंकी हमले की दसवीं बरसी से कुछ ही दिन पहले सीआरपीएफ केंपस की सुरक्षा में भारी चूक हो गई। एक व्यक्ति सीआरपीएफ की वर्दी पहन, फ़र्ज़ी दरोगा बनकर अपने माता-पिता के साथ सीआरपीएफ केंपस में न केवल प्रवेश करने में कामयाब हो गया बल्कि अपने माता पिता को सीआरपीएफ गेस्ट हाउस तक ले जाने में सफल भी हो गया। हालांकि सीआरपीएफ कर्मचारियों ने उसकी पहचान करने में देर नहीं की और नकली दरोगा को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। इस मामले को सीआरपीएफ की सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है।
गौरतलब है कि 31 दिसंबर और 1 जनवरी 2008 की मध्यरात्रि में रामपुर में सीआरपीएफ केंपस पर आतंकी हमला हुआ था जिसमें 7 सीआरपीएफ जवान सहित कुल 8 लोगों की जान गई थी। इस घटना की दसवीं बरसी होने वाली है लेकिन इससे कुछ दिन पहले ही एक बार फिर सीआरपीएफ रामपुर केंपस की सुरक्षा में भारी चूक सामने आई है। एक व्यक्ति सीआरपीएफ की वर्दी पहन कर अपने माता पिता को साथ लेकर न केवल सीआरपीएफ कैंप के अंदर तक प्रवेश करने में सफल हो गया बल्कि वह अपने माता पिता को सीआरपीएफ कैंपस के अंदर बने गेस्ट हाउस तक ले गया। वहां मौजूद सीआरपीएफ कर्मचारियों को जब शक हुआ और उन्होंने इस व्यक्ति से पूछताछ की तो पाया कि सीआरपीएफ एएसआई की वर्दी में यह युवक नकली फ़र्ज़ी है। उन्होंने फौरन ही इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को देते हुए इस नकली दारोग़ा को पुलिस के हवाले कर दिया ।
कौन है यह फ़र्ज़ी दरोगा?
सीआरपीएफ केंपस में हुई सुरक्षा में चूक के पीछे की कहानी बेहद दिलचस्प है। दरअसल सीआरपीएफ की वर्दी में कैंपस के अंदर प्रवेश करने वाला यह व्यक्ति इटावा का रहने वाला है जिसका नाम मोहित तिवारी है।
इसने एक वर्ष पूर्व सीआरपीएफ के लिए भर्ती का आवेदन किया था। किन्ही कारणों से भर्ती निरस्त हो गई और यह सीआरपीएफ में नौकरी नहीं पा सका लेकिन इसके बावजूद उसने अपने घर वालों को यह बता रखा था कि वह सीआरपीएफ में नौकरी कर रहा है। माता पिता ने जब उससे सीआरपीएफ जाकर खुद देखने की जिद की तो वह अपने साथ उनको सीआरपीएफ कैंपस में लाया जिसके लिए उसने नकली वर्दी की व्यवस्था की और फिर अपने माता पिता को लेकर सीआरपीएफ केंपस में पहुंच गया।
उसने यह सारी कवायद अपने माता पिता को धोखा देने के लिए की थी। लेकिन उसे क्या पता था कि वह इस नकली वर्दी के सहारे खुद को ही नहीं बल्कि अपने माता पिता को भी परेशानी में डाल रहा है। वह सीआरपीएफ कैंपस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था को धोखा देने में कामयाब तो हुआ लेकिन अगले ही पल सीआरपीएफ के कर्मचारियों ने यह पहचान ने में देर नहीं की कि यह एएसआई नकली है और उसे पुलिस के हवाले कर दिया।पुलिस अब सारे मामले की बारीकी से जांच में जुट गई है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
कहते हैं कि एक झूठ को छुपाने के लिए हजार झूठ बोलना पढ़ते हैं और इसका अंजाम बेहद बुरा होता है। ऐसा ही हुआ रामपुर में जहां अपने माता पिता को बेवकूफ बनाने के लिए मोहित तिवारी सीआरपीएफ का नक़ली एएसआई बन बैठा और नतीजा यह कि अब व्यक्ति सलाखों के पीछे है।