Gloabaltoday.in। सऊद खान
रामपुर: न्यायिक प्रक्रिया में अहम रोल निभाने वाले वकील ही अब कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं। दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में हुए विवाद का जगह-जगह वकीलों द्वारा पुलिस को पीटे जाने के वीडियो अभी धुंधले भी नहीं पड़े थे कि काले कोट पहने 5 वकीलों ने डिविजनल फॉरेस्ट अफसर(DFO) रामपुर(Rampur) के कार्यालय में घुसकर ड्यूटी पर मौजूद आईएफएस अधिकारी ए. के. कश्यप(A.K.Kashyap) से बदतमीज़ी की, उसे धमकाया और वन क्षेत्र से अवैध कटान में सीज की गई पोकलेन मशीन को छोड़ने के लिए दबाव बनाया। इतना ही नहीं तथाकथित वकीलों ने जबरदस्ती डीएफओ साहब से मोबाइल भी छीन लिया और उनके साथ मैन हैंडलिंग भी की।
अपने साथ हुई अभद्रता आहत डीएफओ साहब ने सारी घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों डीएम और एसपी रामपुर को दे दी है।
दरअसल रामपुर(Rampur) के बिलासपुर वन क्षेत्र में पीपली के जंगल में नहर किनारे वन विभाग के 41 पेड़ों को अवैध रूप से पोकलेन मशीन से गिरा दिया गया था जिस पर कार्रवाई करते हुए वन विभाग ने जेसीबी पोकलेन मशीन को सीज़ कर दिया था। यह पोकलेन मशीन कथित तौर पर एक दबंग ठेकेदार की थी। जिसमें मशीन सीज़ ना किए जाने के लिए डीएफओ रामपुर पर जमकर दबाव बनाया लेकिन उन्होंने एक ना सुनी और मशीन सीज़ कर के स्थानीय ग्राम प्रधान की सुपुर्दगी में उस के घर पर खड़ी कर दी थी और ठेकेदार ऊधम सिंह और एक अज्ञात व्यक्ति के ख़िलाफ़ थाना मिलक खानम में मुकद्दमा भी दर्ज कराया था।
सीज की गई जेसीबी पोकलेन मशीन को लाने के लिए दबंग ठेकेदार ने कुछ वकीलों को ठेका दे दिया। इस मामले की सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार की तारीख डीएफओ रामपुर के कार्यालय में नियत थी। डीएफओ रामपुर अपने कार्यालय में बैठेे सरकारी काम मेंं जुटे थे कि कालेे कोर्ट में 5 वकील उनके कार्यालय में आ गए। डीएफओ के अनुसार उन्होंने वकीलों को बैठने को कहा और फिर तथाकथित वकीलों ने डीएफओ रामपुर के साथ जमकर बदतमीज़ी की, उन पर जेसीबी पोकलेन मशीन छोड़नेे के लिए दबाव बनाया और जबरदस्ती उनका हाथ पकड़ के उनके कार्यालय में बंधक बना लिया और जेसीबी मशीन छोड़ने का आदेश हाथों-हाथ देने के लिए धमकाते रहे।
अब देखना यह होगा कि क्या उदंड हो चुके इन वकीलों द्वारा कानून अपने हाथ में लेने और एक आईएफएस अधिकारी के साथ उसके कार्यालय में घुसकर गैर कानूनी कार्य के लिए दबाव बनाने और अभद्रता करने पर रामपुर पुलिस और प्रशासन वकीलों के खिलाफ कार्रवाई करने का साहस जुटा पाएगा या एक आईएफएस अधिकारी की आवाज भी वकीलों के नक्कारखाने में तूती की आवाज बनकर दब जाएगी। अब डीएफओ की नज़र अपने उच्च अधिकारियों पर टिकी हुई है कि वे इस मामले पर क्या एक्शन वकीलों के ख़िलाफ़ लेंगे।
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