राष्ट्रीय शिक्षा नीति NEP को संवैधानिक मूल्यों का पालन करना चाहिये-जमाते इसलामी हिन्द

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ग्लोबलटुडे, 10 अगस्त
नई दिल्ली से राहेला अब्बास की रिपोर्ट


जमाअत इस्लामी हिंद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति NEP 2019 के मसौदे को लेकर आज दिल्ली में अपने कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस की जिसमे जमाअत ने NEP 2019 के मसौदे पर कई सवाल उठाये हैं और मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अपने सुझाव भेजकर मसौदे में बदलाव की मांग भी की है। मानव संसाधन मंत्रालय ने इस साल जून में NEP के मसौदे को सार्वजनिक किया था और आम जनता से 15 अगस्त तक सुझाव और प्रतिक्रिया मांगी थी।
जमाअत के केंद्रीय शैक्षिक बोर्ड के प्रेसिडेंट नुसरत अली ने शनिवार 10 अगस्त को हुई प्रेससकंफेरेंस में नेप (नप) 2019 पर अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि, “जमाअत ने आम लोगों के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए हमने एनईपी 2019 का मसौदा तैयार करने वाली समिति को सिफारिशें भेज दी थीं और अब हमने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अपने सुझाव भेजे हैं।”
मीडिया को संबोधित करते हुए नुसरत अली ने स्पष्ट रूप से कहा: “हम निजी स्कूलों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम शिक्षा प्रणाली के निजीकरण के ख़िलाफ़ हैं। जांच और देख-रेख के लिए कोई तरीका अवश्य होना चाहिए।”
नुसरत अली ने बताया कि एनईपी (NEP) 2019 के मसौदे में बहुत से विरोधाभास और खामियां हैं। यह संवैधानिक संरचनाओं और मूल्यों का उल्लंघन करता है और व्यवसायीकरण को बढ़ावा देता है।
नुसरत अली ने कहा कि जमाअत निजी स्कूलों के खिलाफ नहीं है, हाँ शिक्षा प्रणाली के निजीकरण के ख़िलाफ़ ज़रूर है।