नैनीताल [ग्लोबलटुडे स्टाफ]: आगामी 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती है। इधर चुनाव आयोग ने चनाव की तारीखों का एलान किया और दूसरी तरफ हिंदू संगठनों ने खुद ही अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और सरकार को राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर घेरने की रणनीति बना ली है। आने वाली 21 तारीख को बाक़ायदा हज़ारों की संख्या में हिंदू संगठनों के लोग लखनऊ में एक महा रैली करने जा रहे हैं। जिसमें वह अयोध्या में मंदिर बनाने को लेकर सरकार पर पुरज़ोर दबाव बनाने की कोशिश करेंगे। इतना ही नहीं संगठनों ने कोर्ट को भी इस मुद्दे पर जल्दी फैसला करने की नसीहत दे डाली।
दरअसल आज मेरठ में एक हिंदू संगठन ने कमिश्नरी चौराहे से बाइक रैली निकाली। यह रैली कैंट स्थित औघड़नाथ मंदिर में जाकर समाप्त हुई। इस दौरान हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने जमकर अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर नारेबाजी की, साथ ही आगामी 21 तारीख को भारी संख्या में लखनऊ जाने का आह्वान किया। हमारी जानकारी के अनुसार अकेले मेरठ से ही 2000 युवा लखनऊ कूच करने का मन बना चुके हैं।
इस दौरान कार्यकर्ताओं ने मीडिया से साफ कहा कि कोर्ट को फैसले को और नहीं लटकाना चाहिए और कोर्ट को अब जल्द ही फैसला करना चाहिये। अन्यथा वह सभी मिलकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में लग जाएंगे.
उन्होंने कहा कि 2014 में मोदी जी को इसलिए चुनकर भेजा गया था कि वह मंदिर निर्माण करेंगे लेकिन आज सरकार को 4 साल से अधिक हो चुके हैं और अब तो चुनाव सर पर हैं लेकिन अभी भी राम मंदिर का निर्माण नहीं हो सका है।यहाँ लोगों ने भारतीय जनता पार्टी के सभी मंत्रियों पर भी गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि सभी लोग राम मंदिर के नाम पर वोट मांगकर सत्ता में आए लेकिन मंदिर का निर्माण नहीं करा सके। अब ऐसे में हिंदू संगठनों ने सरकारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। और राम मंदिर निर्माण की मांग पर अड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें लखनऊ जाने से रोका गया तो सड़कों पर जाम लगाएंगे और अपना पुरजोर विरोध दर्ज कराएंगे। लेकिन देखना ये होगा की 21 तारीख को होने वाली हिंदू संगठनों की महारैली को लेकर सरकार क्या क़दम उठाती है और कैसे अपने ही बागी हो चुके लोगों को समझा पाती है।