रामपुर के प्रखर कुमार सिंह ने सिविल सेवा परीक्षा यानी आईएएस में 29वीं रैंक हासिल कर रामपुर का गौरव बढ़ाया है। प्रखर कुमार की इस कामयाबी से उनके माता-पिता गदगद हैं तो वहीं प्रखर को और उनके माता-पिता को बधाई देने वालों का घर पर तांता लगा हुआ है। प्रखर के माता पिता अपने बेटे की कामयाबी से बहुत खुश हैं। बेटा भी अपनी इस कामयाबी के पीछे अपने माता-पिता को इसका श्रेय देता है।
Globaltoday.in | शहबाज़ मलिक | रामपुर
यूपीएससी (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा 2020 का फाइनल रिजल्ट के नतीजों का एलान हो चूका है। इस बार कुल 761 अभ्यर्थियों को नियुक्ति के लिए रिकमन्ड किया गया है। देश की इस प्रतिष्ठित परीक्षा में शुभम कुमार (Roll No. 1519294) ने पहला स्थान हासिल किया है। शुभम ने एंथ्रोपोलॉजी वैकल्पिक विषय से परीक्षा दी थी। उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल करने के बाद यूपीएससी की परीक्षा दी है।
जनपद रामपुर के प्रखर कुमार ने भी सिविल सेवा परीक्षा में 29वीं रैंक हासिल की है। भाजपा के जिला अध्यक्ष अभय गुप्ता अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ प्रखर के घर प्रखर और उनके माता-पिता को बधाई देने पहुंचे। सीआरपीएफ में रिटायर्ड इंस्पेक्टर केदार सिंह और उनकी पत्नी अपने बेटे की कामयाबी से बहुत खुश हैं। केदार सिंह ने कहा उनकी दिली इच्छा थी कि वे सिविल सेवा परीक्षा में जाएं लेकिन किसी कारण नहीं जा पाए लेकिन उनके बेटे ने उनकी इस इच्छा को पूरा कर दिखाया।
जनपद रामपुर के होनहार युवक प्रखर कुमार सिंह ने रामपूर की शान बढ़ाई सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया में 29वीं रेंक हासिल की है।प्रखर कुमार के पिता केदार सिंह सीआरपीएफ के रिटायर इंस्पेक्टर हैं तो माता सविता सिंह सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं। केदार सिंह के बेटे ने सिविल सेवा परीक्षा में 29 वी रेंक हासिल कर माता पिता का गौरव बढ़ाया। जबसे प्रखर कुमार सिंह के 29 वी रेंक की खबर लोगों को मिली है तब से लोग बधाई देने के लिए प्रखर कुमार सिंह के घर पहुंच रहे हैं। बरहाल पूरा परिवार इस कामयाबी से खुश हैं।
माता पिता ने मेरा बहुत साथ दिया
वहीं सिविल सेवा परीक्षा में 29 वी रैंक हासिल करने वाले प्रखर कुमार सिंह से हमने बात की तो उन्होंने,”बताया किसी भी परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए माता-पिता का सहयोग बहुत जरूरी होता है। मेरे माता पिता ने मेरा बहुत साथ दिया। मैंने घर पर रहकर ही सेल्फ स्टडी की थी। प्रखर कुमार ने कहा उन्होंने ऑप्शनल ट्यूशन ली थी बाकी खुदी स्टडी करते थे। प्रखर कुमार ने बताया 2019 में वे आईआईटी रुड़की से उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियर में ग्रेजुएट किया था। फाइनल ईयर में मैंने डिसाइड कर लिया था कि मुझे सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करनी है। 2020 में एग्जाम हुआ था जो पोस्पोंन हो गया था जिसका आज रिजल्ट आया है। मेरा 3 साल का यही प्रिपरेशन रहा। प्रखर कुमार ने कहा आईएएस एक बहुत अच्छा प्लेटफार्म है। मैं चाहूंगा मुझे जो भी रिस्पांसिबिलिटी दी जाएगी मैं उसे अच्छे ढंग से निभाऊं। मेरी यही सोच है के जनता एडमिनिस्ट्रेशन तक नहीं पहुंचे बल्कि एडमिनिस्ट्रेशन जनता तक पहुंचे।
वहीं प्रखर कुमार के पिता केदार सिंह जो सीआरपीएफ के रिटायर इंस्पेक्टर हैं। उन्होंने कहा बेटे की ऑल इंडिया में 29 वी रैंक है। मोटिवेशन बचपन से था। केदार सिंह ने कहा मेरी दिली इच्छा थी कि मैं सिविल सेवा में परीक्षा में जाऊं लेकिन किसी कारण से मैं नहीं जा पाया तो मैंने अपने बच्चे के थ्रू अपने उस सपने को साकार करने के लिए प्रयासरत रहा। बेटे के साथ मैंने पूरी प्लानिंग की कि कैसे किस स्कूल में पढ़ाया जाए, आगे कहां पर लेकर जाया जाए। मेरा बेटा पढ़ने में बहुत ही सीरियस था और उसने इसी वर्ष की परीक्षा 29 वीं रेंक से पास की है। आईआईटी रुड़की से उन्होंने बीटेक किया है। वहां पर सिलेक्शन के लिए भी उन्होंने कोई कोचिंग प्राप्त नहीं की थी, बिना कोचिंग के यूपीएससी मे वह सिलेक्ट हुए। उनका 15 से 16 घंटे का स्टडी का शेड्यूल था। हमारे बहुत कहने के बाद भी वे रिलैक्स मूड में नहीं आते थे क्योंकि बहुत ही सीरियस तरीके से वे पढ़ाई करते थे।
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