स्वीडन में स्टॉकहोम की एक मस्जिद के बाहर एक चरमपंथी व्यक्ति द्वारा कुरान को जलाये जाने के बाद दुनिया भर के मुसलामानों में रोष और गुस्सा है। सभी इस्लामिक देशों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए स्वीडन से लगातार हो रही इस तरह की घटनाओं को रोकने को कहा है।
सऊदी, यूएई, पाकिस्तान, मिस्र आदि देशों ने घटना पर रोष व्यक्त किया है। जगह जगह स्वीडिश दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
शुक्रवार को इराकी शहर बगदाद में स्वीडिश दूतावास के सामने मशाल जलाने के बाद हजारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और स्वीडन के साथ राजनयिक संबंध खत्म करने की मांग की।
तुर्की और स्वीडन के बीच में कुछ सालों से तनातनी चल रही है जिसका एक बड़ा कारण स्वीडन में हो रही इस तरह की घटनाएं हैं। हालिया घटना को लेकर भी तुर्की में काफी गुस्सा है। तुर्की के विदेश मंत्री हकन फिदान ने कुरान जलाने की घटना को घिनौनी हरकत करार दिया है।
बुधवार कोई हुई इस घटना के बाद स्वीडन का तुर्की के साथ विवाद और बढ़ता दिख रहा है।
इराकी शरणार्थी ने दिया घटना को अंजाम
एक शख्स जिसका नाम सलवान मोमिका बताया जा रहा है, ने इस घटना को अंजाम दिया है। वह सेंट्रल मस्जिद के बाहर पुलिस अधिकारियों के पीछे से दो स्वीडिश झंडे लहराता हुआ दिखाई दिया। उस समय स्वीडन का राष्ट्रगान बज रहा था। कानों में एयरपॉड्स पहने और मुंह में सिगरेट लटकाकर उसने कुरान को बार-बार फाड़ा और फिर उसमें आग लगा दी। मोमिका एक इराकी शरणार्थी हैं और उसकी मंशा स्वीडन में कुरान को बैन कराना बतायी जा रही है।
स्वीडन की पुलिस की तरफ से इस प्रदर्शन को मिली मंजूरी के बाद इस घटना को अंजाम दिया गया है। हालांकि बाद में पुलिस ने बाद में उस व्यक्ति पर जातीय या राष्ट्रीय समूह के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है।
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