सम्भल(मुज़म्मिल दानिश): उत्तर प्रदेश के जनपद संभल से बड़ी खबर सामने आ रही है जहां रावण दहन के बाद अचानक मैदान में पब्लिक ने रावण की जलती हुई लकड़ियां लूटने के लिए दौड़ लागा दी। हमने जानने की कोशिश की कि आखिर ऐसी कौन सी आस्था है जो अपनी जान जोखिम में डालकर लोग रावण की जलती हुई लड़कियां खींचकर घर ले जाते हैं।
हमने देखा कि जैसे रावण के पुतले में आग लगी ही थी वहां कुछ लोग लकड़ी लूटने लगे। इस दौरान एक बड़ा हादसा होने से बच गया। हुआ यह कि लकड़ी लूटने के दौरान अचानक रावण के पुतले में रखा पटाखा फूट गया, जिससे कई लोग बाल-बाल बच गए।
लोगों का हुजूम रावण के पुतले की लकड़ियां लूटने दौड़ पड़ा, लकड़ी खींचने की होड़ के चलते सदर कोतवाली के कुरुक्षेत्र मैदान पर अफरा-तफरी मच गई। श्री राम ने रावण की नाभि में जैसी ही बाण मारा, रावण धूं-धूं कर जल उठा। रावण के दहन के साथ ही लोगों का हुजूम जय श्रीराम का नारा लगाते हुए दौड़ पड़ा और लोग रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले की लकड़ियां लूटने। लोगों में जल रहे रावण के पुतले की लकड़ियां लेने की होड़ सी मच गई। बिना किसी को देखे बस वो लकड़ियां लूट लेना चाहते थे। सदर कोतवाली इलाके के कुरुक्षेत्र मैदान पर हजारों की संख्या में लोग थे, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठियां दौड़ी लेकिन लोग नहीं रुके।
क्यों लूटते हैं दहन की लकड़ी?
जो लोग रावण के पुलते की लकड़ी अपने घर जाते हैं, उनके परिवार से भय भाग जाता है। यही कारण था कि जैसे ही श्रीराम ने रावण बाण चलाया और पुतला धूं-धूं कर जलने लगा, जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। लोगों का हुजूम रावण के पुतले की लकड़ियां लेने के दौड़ पड़ा। लकड़ी खींचने की होड़ के चलते लोगों को असुविधा का भी सामना करना पड़ा। इस दौरान पुलिस भी लाठियां लेकर दौड़ी। कई लोग इस दौरान आतिशबाजों ने रंगीन आतिशबाजी से सबका मन मोह लिया।
फिलहाल पाप का अंत होने के बाद. रावण मेघनाथ दहन के बाद जिस तरह से भीड़ मरती है और आस्था पर जान जोखिम में डालकर लोग लड़कियों लेकर घर जाते हैं।
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