कानून मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, अरुण गोयल का इस्तीफा शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया जो आज से ही प्रभावित हो गया। अरुण गोयल नवंबर 2022 में चुनाव आयोग में शामिल हुए थे। हालांकि, तत्काल यह पता नहीं चला पाया है कि गोयल ने इस्तीफा दिया क्यों है?
चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने 2024 के लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की संभावित घोषणा से कुछ दिन पहले शनिवार को पद से इस्तीफा दे दिया। गोयल का कार्यकाल दिसंबर 2027 तक था।
कानून मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, गोयल का इस्तीफा शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया जो आज से ही प्रभावित हो गया। हालांकि, तत्काल यह पता नहीं चला पाया है कि गोयल ने इस्तीफा क्यों दिया।
कौन हैं अरुण गोयल?
सेवानिवृत्त नौकरशाह अरुण गोयल पंजाब कैडर के 1985-बैच के आईएएस अधिकारी थे। वह नवंबर 2022 में निर्वाचन आयोग में शामिल हुए थे।
फरवरी में अनूप पांडे की सेवानिवृत्ति और गोयल के इस्तीफे के बाद, तीन सदस्यीय निर्वाचन आयोग समिति में अब केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हैं।
विवादों में रही थी अरुण गोयल की नियुक्ति
अरुण गोयल ने 18 नवंबर, 2022 को स्वैच्छिक रिटायरमेंट लिया था और एक दिन बाद ही उन्हें चुनाव आयुक्त भी नियुक्त किया गया था। चुनाव आयुक्त के पद पर अरुण गोयल की नियुक्ती काफी विवादास्पद रही थी। उनकी नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी गई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि उन्हें चुनाव आयोग में नियुक्त करने में इतनी जल्दबाजी क्यों की गई।
टीओआई(TOI) की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था, ”कानून मंत्री ने शॉर्टलिस्ट किए गए नामों की सूची से चार नाम चुने… 18 नवंबर को फाइल लगाई गई और उसी दिन इसे आगे बढ़ा दिया गया। यहां तक कि प्रधानमंत्री भी उसी दिन नाम की सिफारिश करते हैं। हम कोई टकराव नहीं चाहते हैं लेकिन क्या यह किसी जल्दबाजी में किया गया। इतनी जल्दी क्या है?”
हालांकि अरुण गोयल की चुनाव आयोग में नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को बाद में पिछले साल दो न्यायाधीशों की बेंच ने खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि एक संविधान पीठ ने इस मुद्दे की जांच की थी लेकिन गोयल की नियुक्ति रद्द करने से इनकार कर दिया था।
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