अंधेर नगरी, चौपट राज: विद्युत सप्लाई उत्तराखंड की और बिजली के बिल उत्तर प्रदेश से…

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“अंधेर नगरी, चौपट राज” यह कहावत तो आपने जरूर सुनी होगी और अगर नहीं सुनी है तो अब सुन भी लें और देख भी लें वह भी उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर में।

विद्युत विभाग कर्मियों की लापरवाही की कुछ एसी तस्वीरें तो यही कहावत चरितार्थ करती नज़र आ रही हैं कि “अंधेर नगरी, चौपट राज” है। जी हां हम बात कर रहे हैं विद्युत विभाग की उस लापरवाही की जिसने सारी हदें पार करते हुए बिना तार के ही एक पूरे गांव के उपभोक्ताओं को कागजों में विद्युत सप्लाई दर्शा कर कई माध्यमों से भारी भरकम बकाया राशि के बिल भी उपलब्ध करा दिए।

आइए बताते हैं क्या है पूरा मामला…

रामपुर की टांडा तहसील का रजपुरा गांव उत्तराखंड की सीमा से सटा है तो वहीं इस गाँव की सरहद यूपी के जनपद मुरादाबाद को भी छूती है। इस गांव की विद्युत सप्लाई पिछले कई सालों से उत्तराखंड से की जा रही है जिसके विद्युत बिलों का भुगतान भी उत्तराखंड के बिजली विभाग को किया जाता रहा है। जबकि वर्ष 2018 में रामपुर के स्थानीय विद्युत विभाग कर्मियों द्वारा इस गांव में खंभे लगाए गए, ट्रांसफार्मर लगाया गया और यहां के बाशिंदों के घरों पर बाकायदा मीटर भी लगाया गया। दिलचस्प बात यह रही के इन बिजली के खंभों पर आज तक विद्युत सप्लाई शुरू नहीं हुई और ना ही बिजली मीटर से घरों में कनेक्शन ही कराए गए। बावजूद इसके अभिलेखों में इन लोगों को उपभोक्ता दर्शाते हुए देय विद्युत बिलों को भुगतान के लिए कई माध्यमों से उपलब्ध कराया गया।

जब स्थानीय विद्युत विभाग की लापरवाही की शिकायत आला अधिकारियों से की गई तो उनके कान पर भी जूं नहीं रेंगी । फिलहाल यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है और अब विद्युत विभाग के आला अधिकारी भी इस कृत्य को गलती मानते हुए सुधार करने का आश्वासन दे रहे हैं।

पीड़ित उपभोक्ता सुखविंदर सिंह के मुताबिक,”यह लाइन लगा गए हैं…हमारी बत्ती पहले से उत्तरांचल से चल रही है…पुरानी चल रही है। यह मीटर लगा गए हैं 11,000 की लाइन में…करंट भी नहीं छोड़ा पीछे से और बिल आ रहा है, मोबाइल पर मैसेज आ रहा है। कर्मचारी परसों आए कह रहे हैं बिल जमा करो। हमने कहा कि बिल काहे का जमा करें तो कह रहे थे यह तो करना पड़ेगा…तो हमने कहा कि हमने तो कनेक्शन करवाई नहीं है…वह लेबर वाले आए थे वह यह खंबा लगा गए हैं। वह बच्चों से आधार कार्ड ले गए और कहा के हमें मार्जन नहीं मिलेगा आधार कार्ड दो। यह पूरे गांव में ही मीटर लगे पड़े हैं जबकि यह लाइट उत्तरांचल की है। हमारे यहां पर यह गांव रामपुर में है… हम बॉर्डर पर हैं। यह पहले से ही चल रही है यहां पर खाली मूली खंबे लगा गए… रामपुर के हम बॉर्डर पर हैं… एक खेत नीचे का उत्तरांचल में है और इधर को रामपुर है और इस के बराबर में मुरादाबाद है… बिल लगभग किसी का 6000 आ रहा है किसी का साथ हज़ार आ रहा है। इस मीटर में कोई लाइट नहीं है यहां पर खाली मूली बिल आ रहा है।

पीड़ित उपभोक्ता रजवंत कौर ने बताया,”यह रामपुर जिला की लाइट लग रही है 2 साल से… बिल भी आ रहे हैं… लाइट आ भी नहीं रही है, पीछे कुंडी भी नहीं लगाई है… कुछ तार भी नहीं है और कुछ भी नहीं है। ट्रांसफार्मर नहीं लग रहा है यहां पर तो काहे का बिल दें ? हम रामपुर जिले में हैं पहले से हमारे यहां रामपुर जिले की लाइट नहीं थी हमें उत्तरांचल की लाइट मिल रही है… अब यही दिक्कत है कि लाइट वह चल रही है तो बिल कैसे दें… कहां से दें ? अब साढ़े 6000 का बिल भेजा है। अब कह रहे हैं कि बिल जमा कराओ यूपी वाले बोल रहे हैं”।

उपभोक्ता हैप्पी के मुताबिक,” मैं राजपुरा टांडा का निवासी हूं जिला रामपुर है हमारा आप यह देख सकते हो लाइट जो है यहां पर दो हजार अट्ठारह में खंबे लगा दिए गए थे लेकिन इन्होंने यहां पर कोई भी आगे आकर देखा नहीं बिल भी भेज दी जो मीटर की तारे हैं वह कनेक्ट नहीं की एक बार भी रीडिंग नहीं हुई मीटर में और हमारे हर महीने बिल इश्यू होते हैं bill कभी चार पांच सो आता है और इस हिसाब से हमारे घर का बिल 5 से 6000 का बैठ चुका है और यहां पर कई घर हैं जिनका टोटल मिलाकर 80 से 90 हजार दिल हो चुका है लेकिन बात यह है कि जब हमने लाइट नहीं जलाई हमने तो हम बिल क्यों भरें आप को समझदार हो जब हम लाइट जलाएंगे तो हम दिल देंगे लेकिन उन्होंने जो किया है वह बात गलत है इन्हें बिल्कुल वापस लेना चाहिए माफ करने चाहिए और हमें यह सुविधा मिलनी चाहिए कि अगर लाइट है तो बोल दे अगर नहीं है तो हम बिल नहीं देंगे हमारे जेई साहब एक बार आकर देखें वह कभी हमारे गांव में नहीं आए उन्होंने जब यह खंभे लगवाए हैं तब से उन्होंने एक बार भी गांव में आकर देखा नहीं एक बार सर्वे करना चाहिए जहां से लाइट कनेक्ट होती है वहां से कनेक्ट नहीं है और फिर फ्यूज उड़े है तब से जब से यह खंबे लगे हुए हैं उसके बाद एक बार भी इस लाइन में लाइट नहीं है और हमें हर महीने महीने bill करते हैं एक दो बार कॉल भी आई है आप बिल पेय करो आप बिल पेय क्यों नहीं कर रहे हैं मैं यह कहना चाहता हूं हम तब बिल पर करेंगे जब हमारे घर लाइट पहुंचेगी।

पीड़ित उपभोक्ता बिट्टू के मुताबिक,”केवल लगे नहीं जबरदस्ती मीटर लगा गए यह लोग मीटर लगा कर चले गए ना कोई केवल खींचा डेढ़ साल हो गया है बिल्कुल भी लाइट नहीं आई…बल्ब तक नहीं जला बिल तो बहुत आया बड़ा है जब से पांच 5000 से ऊपर बिल आ गया है। यह हमारा बिल माफ करें… टीम आई थी कह रही थी बिल जमा कराओ। हमने कहा कि बल्ब जला नहीं है… हम बिल कहां से जमा कराएं। हम चाहते हैं कि सारा बिल माफ हो जाए यह फाइनल हो जब बल्ब भी जलते तो हम बिल भी देते। यहां पर तो केबल ही नहीं लगे…लाइट ही नहीं आई पीछे से…यहां पर तो बत्ती भी नहीं है ट्रांसफार्मर भी नहीं लगा है।”

अधिशासी अभियंता विद्युत विभाग रामपुर इमरान खान के मुताबिक इस संदर्भ में मेरी SDO टांडा से बात हुई है… उनका भी यही कहना है कि मेरे भी संज्ञान में एक-दो दिन पहले ही मैटर आया है। उन्होंने उससे संबंधित जे ई से जांच कराने के आदेश दिए हैं और जांच के आधार पर जो भी निष्कर्ष निकलेगा उसके हिसाब से हम कार्यवाही करेंगे। हमारा तो यही कहना है कि जब हमारे स्तर से उन्हें सप्लाई नहीं मिल रही है तो हमारे डिवीजन से उन्हें बिल भी नहीं देना चाहिए तो इसमें जांच के बाद जो भी आएगा जो हमारे स्तर से मदद हो सकती है उपभोक्ताओं की हमारे स्तर से करी जाएगी। हम चाहते हैं कि किसी का आर्थिक शोषण ना किया जाए।”

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