Globaltoday.in| रईस अहमद | रामपुर
प्रथमा बैंक, यूपी ग्रामीण की शाखा सेंटाखेड़ा से 34 लोगों के लोन लेकर जमा न करने पर बैंक मैनेजर ने उन 34 लोगों के खिलाफ कोतवाली टांडा में एफ़आईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया है और बाक़ी सभी आरोपियों की तलाश में जुट गयी है।
लगभग एक करोड़ से ज्यादा का यह लोन है जो इन 34 लोगों ने लिया था जो कि जमा नहीं किया। इनमें ज्यादातर लोग शाहबाद के बताए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर मार्ग स्थित प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक की शाखा में फर्जी तरीके से कागजात तैयार कराने के बाद फर्जी लोन पास कराने का मामला सामने आया है।
फर्जी दस्तावेजो के आधार पर एक करोड़ अड़सठ लाख रुपये का लोन लेने के नाम पर खेल खेला गया गया है।
कुल 34 लोगों को बैंक से लोन दिलाया गया है। 17 लोगो को बैंक से शाखा प्रबंधक संजय गौड़ के कार्यकाल में दिया गया है। इसके बाद उनका ट्रांसफर हो गया है। 17 ही लोगों को शाखा प्रबंधक सत्य प्रिय सैनी के कार्यकाल दिया जाना बताया गया है।
इनमें से ज्यादातर शाहबाद तहसील के लोगों ने लोन कराकर फर्जीवाड़ा किया गया है। इसके अलावा बिलारी, संभल का एक, उत्तराखंड के दो लोग शामिलहैं।
सभी 34 लोगों को फर्जी तरीके से लोन दिलाकर उन्हें कुछ रकम इस प्रक्रिया में लिप्त लोगों द्वारा दी गई है। जिसमे पुलिस ने इस मामले में शामिल पाये जाने पर इरफान को उसके घर से पकड़कर कार्रवाई करते हुए चालान कर दिया है। पुलिस की जांच अभी जारी है।
इस मामले पर सीओ धर्म सिंह मार्शल ने बताया,” प्रथमा बैंक ने 34 लोगों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कराया था, जिसमें 34 लोगों ने लोन लेने के बाद पैसा जमा नहीं किया था। इसकी विवेचना के बाद जो मुख्य आरोपी है उसे गिरफ्तार कर लिया है। बाकी जो आरोपी हैं उनके बारे में साक्ष्य कलेक्ट किए जा रहे हैं। साक्ष्य के आधार पर उनकी गिरफ्तारी होगी और उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
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