26 जनवरी को दिल्ली में हुए किसान आंदोलन में ट्रैक्टर पलटने के दौरान एक किसान नवनीत सिंह की मृत्यु हो गई थी। मृतक के दादा का आरोप था कि नवरीत की मौत पुलिस की गोली से हुई है। अपने इसी दावे को लेकर नवरीत के दादा कुछ संगठनों के साथ डिबडिबा गाँव से गाज़ीपुर बॉर्डर तक मार्च निकाल रहे हैं।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि इंसाफ के लिए उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है जिसपर हाईकोर्ट ने पुलिस से जवाब मांगा है।
जनपद रामपुर की तहसील बिलासपुर के डिबडिबा गांव निवासी मृतक नवनीत सिंह की 26 जनवरी को किसान आंदोलन के दौरान मौत हो गई थी। नवनीत सिंह की मौत से किसानों में सरकार के प्रति काफी आक्रोश था। मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया था कि उसकी मौत पुलिस की गोली लगने से हुई थी।
बरहाल किसान अभी भी अपनी मांगे मनवाने के लिए दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर पर जमे हुए हैं। आज तक नवरीत सिंह के दादा हरदीप सिंह 100 गाड़ियों से ज्यादा काफिले के साथ रामपुर से गाज़ीपुर बॉर्डर के लिए निकले।
वहीं इस जत्थे के बारे में मृतक नवरीत सिंह के दादा हरदीप सिंह ने बताया,” पूरे इलाके के जो किसान समर्थक हैं और धार्मिक,राजनीतिक और सामाजिक संस्थाएं सब मिलकर एक इंसाफ मार्च लेकर दिल्ली जा रहे हैं। डिबडिबा गांव से गाजीपुर तक हमारा मार्च है और हम इंसाफ चाहते हैं। उसके लिए हम ने हाईकोर्ट में मूव किया है। उसने हमारी एप्लीकेशन स्वीकार कर ली है। दिल्ली पुलिस को और गवर्नमेंट को 26 फरवरी तक उनसे सारे जवाब मांगे हैं और एविडेंस उनसे भी मांगे हैं।
वहीं किसान फतेहजीत सिंह से बात की तो उन्होंने बताया,”हम गाजीपुर बॉर्डर जा रहे हैं और हम शांति पूर्वक मार्च निकाल रहे हैं। सरकार इंसाफ दे कि नवरीत सिंह को गोली किसने मारी। इंसाफ मिले और उसकी इंक्वायरी हो कि गोली किसने मारी है। हम लोग गाजीपुर बॉर्डर जा रहे हैं।
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