नई दिल्ली(21 फरवरी): तुर्कीये के दिल्ली स्थित दूतावास में भारत के विभिन्न धर्मों के धर्म गुरुओं की ओर से भूकंप से प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना प्रकट करने और इस मुशकिल घड़ी में तुर्किये के लोगों के साथ भारत के जनमानस की एकजुटता प्रदर्शित करने के लिये एक विशेष प्रर्थना सभा आयोजित की गयी।
यह प्रार्थना सभा इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फोरम (आईएमसीएफ ) के तत्वाधान में आयोजित की गयी। इस अवसर पर भारत में तुर्कीये के राजदूत महामहिम फिरत सुनेल भी मौजूद रहे।
तुर्कीये के राजदूत महामहिम फिरत सुनेल ने कहा कि तुर्कीये और सीरिया में विनाशकारी भूकंप ने जैसी तबाही मचाई है, उसकी मिसाल देखने को नहीं मिलती है।
उन्होंने कई देशों और भारत के कई राज्यों का जिक्र करते हुए कहा कि ये जितने बड़े देश या क्षेत्र हैं, उतने तुर्कीये के यह 10 प्रभावित इलाके हैं। हर तरफ भूकंप से तबाही ही तबाही मची है। महामहिम राजदूत ने भारत सरकार और भारतीय जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने “मिशन दोस्ती” के तहत जैसी तुर्कीये के लिए मदद पहुंचाई है, हम उसके आभारी हैं। उन्होंने कहा कि भारत में सभी मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों पर तुर्कीये और सीरिया के लिए न सिर्फ दुआ की जा रही है बल्कि हर संभव मदद भी पहुंचाई जा रही है जो सराहनीय है।
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इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फोरम के महासचिव और इस शोक सभा के आयोजक वरिष्ठ पत्रकार अंजरुल बारी ने कहा कि भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, समय रहते अगर इंसान चेत जाए तो होने वाले बड़े नुकसान को कम जरूर किया जा सकता है। उन्होंने भूकंप से प्रभावित लोगों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मुसीबत के समय में भूकंप प्रभावितों की मदद करना ही असली मानवता है। संगठन के महासचिव ने तुर्कीये में भूकंप के बाद मोदी सरकार द्वारा की जा रही मदद की सराहना करते हुए सभी से अपील की है कि लोग खुलकर भूकंप प्रभावितों की मदद के लिए आगे आए, ताकि जल्द से जल्द भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में जिंदगियां पटरी पर लौट सके।
इस अवसर पर भारतीय सर्व धर्म संसद के राष्ट्रीय संयोजक गोस्वामी सुशील जी महाराज ने कहा कि तुर्कीये-सीरिया में आए भूकंप ने सभी को हिला कर रख दिया है। उन्होंने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि प्राकृतिक आपदाएं कहीं भी आ सकती हैं, हमारे लिए मानवता महत्वपूर्ण है, भारत की यही पहचान भी है। हम भारतीय सर्व धर्म संसद प्रभावितों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता है। उन्होंने कहा कि हम संत समाज के लोग भूकंप प्रभावितों के प्रति संवेदना प्रकट करने के लिए तुर्कीये जाने पर विचार कर रहे हैं।
इस प्राथना सभा में ईसाई धर्म गुरू फादर सेबेस्टियन ने इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फोरम और भारतीय सर्व धर्म संसद के साझा बयान को पढ़ा, जिसको बाद में आईएमसीएफ के महासचिव अंज़रूल बारी और भारतीय सर्व धर्म संसद के संयोजक गोस्वामी सुशील जी महाराज ने तुर्कीये के राजदूत को सौंप दिया।
इस शोक सभा में कुरआन करीम एजूकेशन सोसाईटी के प्रमुख मौलाना मुहिब्बुल्ला नदवी, प्रसिध्द शिया आलिम मौलाना सयायद अफरोज़ मुज्तबा नकवी, जामिया हमदर्द के इस्लामिक स्टडीज़ विभाग के डॉ अरशद हुसैन, दगगाह हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया के पीरज़ादा सूफी अनफाल अहमद निज़ामी, आर्य समाज के स्वामी सम्पूर्णानंद जी महाराज, गिगंबर समाज के योग भूषण, रविदास पंथ के वीर सिंह हितकारी जी महाराज और सिख धर्म गुरी सरदार परमीत सिंह चड्ढा, आईएमसीएफ के संयुक्त सचिव डॉ. मुजफ्फर अली, ह्यूमन वेलफियर काउंसिल के महासचिव सैयद अहमद अब्दुल्लाह, आदि सम्मिलित हुये और भूकंप से प्रभावित तुर्किये के शोक संतप्त परिवारों से संवेदना व्यक्त की।
इस दौरान इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फोरम और कुरान करीम एजुकेशन सोसायटी की ओर से तुर्कीये के राजदूत महामहिम फिरत सुनेल को भूकंप प्रभावितों की मदद के लिए एक सहयोग राशि भी प्रदान की गई। मुस्लिम धर्म गुरु और पार्लियामेंट स्ट्रीट के इमाम मौलाना मुहिबुल्लाह नदवी ने प्रोग्राम की समाप्ति पर विशेष दुआ कराई, इसी प्रकार भारतीय सर्व धर्म संसद की ओर से राष्ट्रीय संयोजक गोस्वामी सुशील जी महाराज ने विशेष प्रार्थना की। शोक सभा का संचालन आईएमसीएफ के एक्जीक्यूटिव कमेटी के सदस्य अब्दुल वाहिद ने किया।
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