उपदेशक पॉल मैकेंज़ी नथेंग(Paul Mackenzie Nthenge) ने कथित तौर पर अनुयायियों को “यीशु से मिलने” के लिए खुद को भूखा रखने के लिए कहा।
केन्याई पुलिस ने मालिंदी के तटीय शहर के पास से 21 शव निकाले हैं, क्योंकि वे जांच कर रहे हैं कि एक उपदेशक ने अनुयायियों को भूख से मरने के लिए कहा था।
निकाले गए लोगों में मृत बच्चे भी शामिल थे और पुलिस ने कहा कि उन्हें और भी शव मिलने की उम्मीद है।
ये क़ब्रें शाखोला जंगल में हैं, जहां पिछले सप्ताह गुड न्यूज इंटरनेशनल चर्च के 15 सदस्यों को बचाया गया था।
उपदेशक पॉल मैकेंज़ी नथेंग(Paul Mackenzie Nthenge) हिरासत में हैं, अदालत में पेश होने के लिए।
बीबीसी की खबर के मुताबिक़ राज्य प्रसारक केबीसी ने उन्हें “पंथ नेता” के रूप में वर्णित किया, और बताया कि अब तक 58 कब्रों की पहचान की जा चुकी है।
श्री मैकेंज़ी ने कोई भी गलत काम से इनकार किया है, लेकिन उनको जमानत से इनकार कर दिया गया है। वह जोर देकर कहते हैं कि उन्होंने 2019 में अपने चर्च को बंद कर दिया।
उन्होंने कथित तौर पर अनुयायियों को “यीशु से मिलने” के लिए खुद को भूखा रखने के लिए कहा।
केन्याई दैनिक द स्टैंडर्ड ने कहा कि पैथोलॉजिस्ट डीएनए के नमूने लेंगे और यह निर्धारित करने के लिए परीक्षण करेंगे कि पीड़ितों की मौत भुखमरी से हुई है या नहीं।
पुलिस ने 15 अप्रैल को श्री मैकेंज़ी को चार लोगों के शवों की खोज के बाद गिरफ्तार कर लिया था, जिनके बारे में संदेह था कि उन्होंने खुद को मौत के घाट उतार दिया था।
मलिंदी सोशल जस्टिस सेंटर के विक्टर कौडो ने सिटिजन टीवी को बताया, “जब हम इस जंगल में गए तो एक ऐसा क्षेत्र देखा जहां हमें एक बड़ा और लंबा क्रॉस दिखाई दिया, तो हम जाना कि वहां पांच से अधिक लोग दबे हुए हैं”।
उपदेशक ने कथित तौर पर उपवास करने के लिए कहने से पहले तीन गांवों नाज़रेथ, बेथलहम और यहूदिया का नाम लिया और अनुयायियों को तालाबों में बपतिस्मा दिया।
केन्या एक धार्मिक देश है जहाँ पहले भी अनियमित चर्चों या पंथों में लोगों को लुभाने के लिए इस तरह के खतरनाक मामले सामने आए हैं।
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